सत्य ही परमेश्वर है, परमेश्वर ही सत्य है, असुरारी वाली माता जगदम्बा सत्य की उपासक हैं – संध्या कुमारी

DNB BHARAT DESK

सत्य ही परमेश्वर है और परमेश्वर ही सत्य है,असुरारी वाली माता जगदम्बा सत्य की उपासक हैं । जो व्यक्ति सत्य की पूजा नहीं करता है ।वह परमेश्वर की भी पूजा नहीं करता है। सत्य न्याय, नीति और सदाचार के चार स्तम्भों पर धर्म की भव्य मन्दिर खड़ा है। धर्म की रक्षा के लिए ही माता पृथ्वी पर आई हैं। प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 30 मार्च से होगा. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर यह मुहूर्त सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा ।

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सत्य ही परमेश्वर है, परमेश्वर ही सत्य है, असुरारी वाली माता जगदम्बा सत्य की उपासक हैं - संध्या कुमारी 2उक्त बातें देवी भक्त दिक्षित वैष्णव ब्रह्माणी पारम्बा जगत जननी जगदम्बा स्वरुपा संध्या कुमारी ने भक्तों को असुरारी मां जगदम्बा प्रांगण स्थित आयोजित चैती दुर्गा पूजा के अवसर पर माता के दर्शन की अपील करते हुए कहीं। बताते चलें कि यहां प्रतिदिन संध्या महाआरती में असुरारी, असुरारी गाछी टोला, पिपरा देवस, हाजीपुर, हवासपूर , पपरौर, बथौली, नगर परिषद बीहट सहित आस-पास व सुदूरवर्ती क्षेत्रों से भक्त आकर आकर्षक महाआरती में शामिल होते हैं। मौके पर पर पूजा समिति सहित समस्त ग्रामवासी याचक बनकर माता के भक्तों एवं माता की सेवा करने में तल्लीन रहते हैं।

सत्य ही परमेश्वर है, परमेश्वर ही सत्य है, असुरारी वाली माता जगदम्बा सत्य की उपासक हैं - संध्या कुमारी 3यहां महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। ताकि माता के दरबार में आए श्रद्धालु भक्तगणों को दर्शन,पूजन,अराधना, उपासना,जप -तप, दृढ़ नेम, व्रत,आरती, हवन-यज्ञ,संत सेवा, भंडारा आयोजित करने में किसी भी प्रकार से कोई कठिनाई नहीं हो। यहां आने के लिए तीन प्रमुख मार्ग हैं। जिसमें एक अवध तिरहुत सड़क पर असुरारी स्कूल के सामने दक्षिण दिशा में जाने वाली प्रमुख ग्रामीण सड़क तथा जीरोमाइल, बीहट हॉल्ट, असुरारी गांव होते हुए ग्राम कचहरी के रास्ते आने का सुलभ मार्ग है। एक और मार्ग एन एच 28 पर मां शैल सर्विस पैट्रोल पंप के बगल से निकली मार्ग भी माता जगदम्बा के दरबार तक आती है।

सत्य ही परमेश्वर है, परमेश्वर ही सत्य है, असुरारी वाली माता जगदम्बा सत्य की उपासक हैं - संध्या कुमारी 4वहीं महर्षि गुरु विश्वामित्र के तपोस्थली और संत सनातन धर्म के सबसे आदर्श पुरुष पुरूषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के ज्ञानस्थली, गौतम ऋषि नारी माता अहिल्या का पौराणिक तपो भूमि बक्सर के पंडित त्रिदंडी स्वामी के शिष्य माता के अराधक ज्ञानेश्वर कुमार ने बताया कि पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री। ये मां दुर्गा के नौ रुप हैं। नवदुर्गा सनातन धर्म में भगवती माता दुर्गा जिन्हे आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा भी कहा जाता है। वहीं प्रसिद्ध पंडित तीलरथ निवासी मुकेश कुमार मिश्र ने कहा मां सिद्धिदात्री का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली मां का माना गया है।

इनके नाम का अर्थ है, ‘सिद्धि’ यानी अलौकिक शक्ति और ‘धात्री’ यानी देने वाली मां। मां के नौ रूपों को नौ अलग-अलग दिन अलग-अलग चीजों का भोग लगाया जाता है। मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को हलवा-पूड़ी और चना का भोग लगाया जाता है।ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि चैत्र नवरात्र पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है। माता की भव्य प्रतिमा का निर्माण कार्य भी आरम्भ कर दिया गया है। इसमें समस्त ग्रामवासियों का अभिन्न सहयोग रहता है। यहां की आस-पास के लिए काफी ख़ास रहता है चैत्र नवरात्रा।

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