बेगूसराय वीरपुर में शराब कारोबारी द्वारा सुजीत की नृशंस हत्या के खिलाफ भाकपा माले ने 20 मई को किया प्रतिरोध सभा का ऐलान

DNB Bharat Desk

डीएनबी भारत डेस्क

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भाकपा-माले ने नौला गांव के युवा सुजीत साह की नृशंस हत्या को बिहार में पनप रहे शराब माफिया–पुलिस गठजोड़ की क्रूर उपज बताया है। पार्टी ने कहा है कि यह हत्या कोई साधारण आपराधिक घटना नहीं, बल्कि संगठित अपराध-तंत्र द्वारा समाज को डराने और प्रतिरोध की हर आवाज को कुचलने की साजिश है। विगत 13 मई को दिन के उजाले में, संजय साह के 20 वर्षीय पुत्र सुजीत को सरेआम गोली मार कर उस शराब कारोबारी ने मार डाला, जो लंबे समय से क्षेत्र में अवैध शराब, कारतूस और जाली नोट के कारोबार में संलिप्त है और स्थानीय पुलिस-प्रशासन की सरपरस्ती में बेलगाम होकर काम करता रहा है। हत्या के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाना, साफ दर्शाता है कि प्रशासन की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

भाकपा-माले की एक जांच टीम, जिसमें पार्टी के जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, किसान महासभा के जिला सचिव बैजू सिंह, जिलाध्यक्ष नवल किशोर, खेग्रामस के चंद्रदेव वर्मा, संजय ठाकुर, स्थानीय नेता गौड़ी पासवान, नन्हकू पासवान, अरुण राम आदि शामिल थे, ने नौला गांव पहुंचकर पीड़ित परिजन से मुलाकात की, शोक संवेदना प्रकट की और घटना की विस्तृत जानकारी ली। परिजनों ने बताया कि हत्या के पीछे का मूल कारण सुजीत और उसके परिवार द्वारा अवैध कारोबार का विरोध करना था। अपराधियों की दबंगई और खुलेआम धमकी के बावजूद सुजीत ने अन्याय और माफिया तंत्र के खिलाफ आवाज उठाई, और उसी का खामियाजा उसे जान गंवाकर भुगतना पड़ा। यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि बिहार में अब माफिया, अपराधी और पुलिस मिलकर समानांतर सत्ता चला रहे हैं, जहां कानून का राज नहीं, अपराध का राज कायम हो चुका है।

बेगूसराय वीरपुर में शराब कारोबारी द्वारा सुजीत की नृशंस हत्या के खिलाफ भाकपा माले ने 20 मई को किया प्रतिरोध सभा का ऐलान 2भाकपा-माले ने इस वीभत्स हत्याकांड की तीव्र निंदा करते हुए कहा है कि बिहार में भाजपा-जदयू की डबल इंजन सरकार ने राज्य को माफियाओं के हवाले कर दिया है। यह सरकार गरीबों, दलितों, मजदूरों और न्याय के लिए लड़ने वालों की नहीं, बल्कि अपराधियों और पूंजीपतियों की सरकार बन चुकी है, जिसमें हर विरोधी स्वर को दबाने और कुचलने की नीति अपनाई जा रही है। शराबबंदी कानून का जो नाटक इस सरकार ने रचा है, वह अब पूरी तरह बेनकाब हो चुका है। एक तरफ गरीबों को शराबबंदी के नाम पर जेल में ठूंसा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी दलों के संरक्षण में पनप रहे माफिया खुलेआम धंधा चला रहे हैं और विरोध करने पर लोगों की हत्या कर दी जा रही है।

भाकपा-माले राज्य सरकार से मांग करती है कि सुजीत साह के हत्यारे की अविलंब गिरफ्तारी कर उस पर स्पीडी ट्रायल चलाया जाए और दोषी को सख्त से सख्त सजा दी जाए। पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए तथा अवैध शराब व जाली नोट के माफिया कारोबार की उच्चस्तरीय जांच कर इसमें शामिल पुलिस अफसरों की भूमिका उजागर कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। भाकपा-माले ने घोषणा की है कि इस बर्बर हत्या के खिलाफ जनता को संगठित करने और न्याय की लड़ाई को तेज करने के लिए 20 मई को नौला में एक व्यापक प्रतिरोध सभा आयोजित की जाएगी, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण और कार्यकर्ता शामिल होंगे। यह सभा माफिया राज, पुलिस की मिलीभगत और सरकार की आपराधिक चुप्पी के खिलाफ जनता की चेतना को जगाने का काम करेगी।

भाकपा-माले स्पष्ट करती है कि सुजीत साह की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा और माफिया-पुलिस-सरकार की इस साजिशी सत्ता के खिलाफ निर्णायक जनप्रतिरोध खड़ा किया जाएगा। नेताओं ने समाज के न्याय पसंद लोगो से प्रतिरोध सभा में शामिल होने की अपील की है।

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