डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में विगत एक सप्ताह से इलाके में ठंड हवा ने ठिठुरन बढ़ा दिया है। आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। फसलों को लेकर किसान चिंतित हैं। तापमान लगातार नीचे गिर रहा है और 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। लगातार ठंड के कारण आलू और सरसों की फसलों पर प्रभाव लाजमी है। 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने के कारण सरसों और आलू के फसलों पर पाला अर्थात झुलसा रोग की आशंका प्रबल हो गई है। ठंड से आलू और सरसों का फसल प्रभावित हो सकता है।
विशेष कर रात के समय में तापमान काफी कम होता है ।जिससे आलू के फसलों पर पाला का प्रकोप से इनकार नहीं किया जा सकता। बल्कि पाला पड़ने लगा है। झुलसा रोग आलू को ग्रसित कर रहा है ।सरसों फुल रहा है उनमे छिमियां आ रहा है। ऐसे में धूप नहीं मिलने से सरसों के फसल को भी मौसम का खामियाजा ज भूगतना पड़ेगा। किसानों की माने तो सरसों में फूल निकलने के बाद धूप का होना नितांत आवश्यक है। ताकि उनका फलन बेहतर हो सके ।शीतलहर के कारण सरसों का फसल ग्रोथ नहीं ले रहा है। जिससे उत्पादन प्रभावित होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
मेघौल निवासी किसान नितेश कुमार ,रामप्रीत यादव मटिहानी निवासी मणि भूषण प्रसाद सिंह खोदावंदपुर के अनिल महतो तारा के राम शगुन महतो सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि करीब 2 माह से अधिक हो गए हैं। सरसों का फसल फल फूल देने की स्थिति में है ।विगत एक सप्ताह से लगातार शीतलहर और कनकनी होने के कारण फसल ग्रोथ नहीं कर रहा है। पाला की प्रबल संभावना हो गया है ।जिससे उत्पादन कम होने की आशंका प्रबल हो गई है। वही आलू में झुलसा रोग का प्रकोप होने लगा है। इससे तापमान अगर और नीचे गिरा तो आलू में कंद बनना मुश्किल हो जाएगा और पौधा भी गल जाएगा। मामले को लेकर प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर सह वरीय वैज्ञानिक डॉ रामपाल ने बताया कि अभी जो तापमान है उससे सरसों, आलू को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। हां यही सिलसिला जारी रहा और तापमान में और गिरावट हुआ तो नुकसान अवश्य है ।पौधा को गर्मी देने के लिए किसान सरसों में फफूंद नाशक या सल्फर और आलू में डाइथिएंन एम 45 और विटामिन से छिड़काव करें।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट