डीएनबी भारत डेस्क
भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र में गेहूं की खेती सबसे अधिक क्षेत्र में की जाती है। पछुआ हवा खेतों में लहलहा रही गेहूं की फसल पर आफत बनकर टूट पड़ी है। हवा के दौरान किसान फसल में सिंचाई करे तो मुश्किल, न करे तो नुकसान। कई किसानों ने बताया कि पहले बुआई वाला गेहूं की फसल में बाली निकल गई है।यदि सिंचाई करते हैं तो गेहूं की फसल की जड़ हवा में हिल सकती है।जड़ हिलने पर गेहूं का दाना पूरी तरह विकसित नहीं हो पाएगा।
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जिससे उपज दर पर असर पड़ेगा और औसतन उपज में कमी आ सकती है। यदि सिंचाई करने से परहेज करें तो जमीन में नमी नहीं होगी।यदि नमी नहीं होगी तो फसल में गेहूं के दाने पूरे विकसित नहीं हो पाएंगे। कुछ यही हाल पिछात बुआई की गई गेंहू के फसल का भी है।अतरुआ के किसान सुधीर प्रसाद,पाली के किसान अनिल सिंह, दादपुर के किसान रामाज्ञा साह आदि ने बताया कि मंहगे दाम पर हाइब्रिड बीज का उपयोग खेती में करते हैं,जिससे खेती में लागत मूल्य प्रति एकड़ अधिक होता है।
पछुआ हवा चलने से पौधे जल्द सूखने के साथ ही दानों में सिकुड़न आएगी।वजन कम होने के साथ ही पैदावार पर बुरा असर पड़ेगा।यदि इसी तरह पछुआ हवा आगे भी चलती रही तो इसका प्रतिकूल प्रभाव गेहूं की उपज पर पड़ेगा।इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।किसान मौसम की बेरुखी को देखकर ऊपर वाले से विनती कर रहे हैं।
बेगूसराय भगवानपुर संवाददाता गणेश प्रसाद की रिपोर्ट