बछवाड़ा में प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण-सह-उत्पादन वितरण कार्यक्रम आयोजित

डीएनबी भारत डेस्क

बछवाड़ा प्रखंड कार्यालय परिसर के अम्बेडकर भवन में शुक्रवार को रबी महाभियान-2024 के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण-सह-उत्पादन वितरण कार्यक्रम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण ( आत्मा) के द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन प्रखंड कृषि पदाधिकारी कन्हैया राम, प्रबंध कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष गंगा चौधरी, सदस्य राज कुमार चौधरी, राजीव चौधरी पूर्व सदस्य हरेराम कुंवर, बीटीएम अमरेश कुमार,भूषण सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गंगा चौधरी ने किया। वही संचालन प्रखण्ड कृषि समन्वयक रामानुज पंडित ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीटीएम अमरेश कुमार ने बताया कि इस तरह का कार्यक्रम समय-समय पर किसानों के लिए आयोजित किया जाता है। जिससे किसानों को सरकार द्वारा किसान हित में संचालित योजनाओं की जानकारी मिल सके, और किसान इस योजनाओं का लाभ उठा सके। आज किसान ड्रिप एरिगेशन के माध्यम से सिंचाई करते है। जिससे कम पानी में खेतों की समुचित सिंचाई हो जाती है। आज जल का संकट बढ़ते जा रहा है हमे तकनीकी के माध्यम से खेती करें जिससे कम पानी में भी अच्छी उपज प्राप्त कर सके। वही कृषि समन्वयक रामानुज पंडित ने बताया कि किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार का बीज समय-समय पर अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाता है।

प्रत्यक्षण कार्यक्रम के माध्यम से चना, मसूर, सरसों का उपचारित बीज दिया जाता है। किसान खेती को अपना व्यवसाय बनाए और अच्छी आमदनी प्राप्त करें। आज के दौर में खेती करना आसान हो गया है। आज किसान घर बैठे खेतों में पानी, खाद और कीटनाशक का उपयोग ड्रोन के माध्यम से कर रहे हैं। जब तक किसान पुरानी पद्धति छोड़ नई तकनीकी का प्रयोग नहीं करेंगे उनका विकास संभव नहीं है। तकनीकी के माध्यम से खेती करने पर समय और खर्च दोनों का बचत होता है। कृषि समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि आज सभी योजनाएं ऑनलाइन हो गया है। किसी भी प्रकार का ऑफलाइन आवेदन नहीं लिया जाता हैं। ऑनलाइन होने से किसानों को लाभ हो रहा है। जो किसान आवेदन करेंगे और आवेदन सही होगा तो वह लाभान्वित होंगे। आवेदन में किसी प्रकार की गलती नहीं करें अन्यथा सुधार का किसी प्रकार का सुधार संभव नहीं है।

कृषि समन्वयक ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आज हमारा बिहार मशरूम की खेती में पूरे भारत में पहले स्थान पर है। आज बिहार का किसान पूरे देश में मशरूम उपलब्ध कर रहा है। मशरूम बहुत पौष्टिक फसल हैं जो शाकाहारी लोगों के लिए मांसाहारी में पाए जाने वाले लाभकारी पदार्थ की पूर्ति करता है। आज पूरे देश बीस प्रकार के मशरूम की खेती होती। लेकिन मुख्यतः तीन प्रकार के मशरूम को ज्यादा पसंद किया जाता हैं। जिस किसान के पास जमीन नहीं है वह भी इसकी खेती कर सकते है। एक कमरे में भी खेती कर सकते है। और समय भी कम लगता हैं। मात्र उन्नीस दिनों में आप फसल प्राप्त कर सकते है। खेती में पढ़े लिखे युवाओं को आना चाहिए जिससे तकनीकी खेती को बढ़ावा मिल सके। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी कन्हैया राम ने कहा कि किसानों को चाहिए कि कृषि यांत्रिकीकारण का साइट खुला हुआ।

अनुदानित यंत्र के लिए आवेदन जल्द करें। किसी भी अनुदानित यंत्र में अनुदान प्राप्त करने के लिए निबंधित दुकान से ही खरीद करें तभी आपको अनुदान प्राप्त होगा। कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य मनमोहन महतो, पूर्व प्रमुख कमल पासवान, एटीएम कुमार सौरभ, एटीएम तेघड़ा अरविंद कुमार सिंह, कृषि समन्वयक अमित कुमार, रंजीत रंजन, वीरेंद्र प्रसाद राजेश किसान सलाहकार सुनील कुमार, अविनाश कुमार, चंदन कुमार, कुमारी कंचन, सुरेश राय, सुरेंद्र रजक, राजन सिंह, नवीन राम, पंकज कुमार गुप्ता, रामविलास साह, दीनबंधु राम, पंकज दास, सत्यनारायण ईश्वर, जितेंद्र प्रसाद सिंह, गोपाल कुमार लेखापाल वीरेंद्र कुमार कार्यपालक सहायक मो इम्तियाज पौधा संरक्षण कर्मी ऋषिकेश झा, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी जय प्रकाश मिश्रा किसान त्रिवेणी राय, योगेंद्र राय, कुंदन कुमार, मधु महतो, उमेश दास, हरिनाथ पासवान, नवीन सिंह, सोने दास, रामफल सदा, मो कलामुद्दीन, चमेली देवी, रीता देवी, मीना देवी समेत दर्जनों किसान मौके पर मौजूद थे।

डीएनबी भारत डेस्क

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