प्रलय-गांडीव की टंकार हूँ मैं, पवन सिंह ने उठाया पर्दा, काराकाट से कैसे लड़ेंगे चुनाव

डीएनबी भारत डेस्क 

भाजपा का टिकट ठुकरा कर रातों रात सुर्खी बने भोजपुरी नायक और गायक पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है। शुक्रवार की शाम को पवन सिंह की बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात के बाद कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह काराकाट सीट पर हाथी पर सवार होंगे। लेकिन पवन सिंह ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स पर पर पोस्ट कर सारी अटकलों पर विराम लगा दिया।

पवन सिंह ने अपने सोशल मीडिया एक्स के पोस्ट में रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की कुछ पंक्तियां लिखते हुए साफ कर दिया कि उन्होंने पहले ही फैसला ले लिया था कि वे काराकाट से निर्दलीय चुनाव लडेंगे।  आपको बता दें कि पवन सिंह को भाजपा ने आसनसोल सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

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पवन सिंह ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा है कि सुनुँ क्या सिंधु, मैं गर्जन तुम्हारा, स्वयं युग-धर्म की हुँकार हूँ मैं। कठिन निर्घोष हूँ भीषण अशनि का प्रलय-गांडीव की टंकार हूँ मैं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता मुझे बहुत प्रेरित करती है। इस कविता से प्रेरणा लेते हुए ही मैंने कुछ दिन पहले काराकाट,बिहार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया। जल्द ही अपने काराकाट के परिवार से मिलेंगे।…. कहा जा रहा है कि पवन सिंह पूर्वी उत्तर प्रदेश से चुनाव लडना चाह रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिलने की वजह से अब वे काराकाट सीट से निर्दलीय मैदान में उतरेंगे।

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