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भरतखंड ओपी को पूर्ण थाना का दर्जा मिलने के उपरांत एसपी और पुर्व मंत्री ने संयुक्त रूप से फीता काटकर थाना का किया विधिवत उदघाटन

DNB BHARAT DESK

 

थाना सहायता अनुदान की राशि जो नियमों अनुसार थाना को मिलता है अब भरत खंड थाना को मिलेगा

डीएनबी भारत डेस्क

खगड़िया एसपी सागर कुमार एवं पूर्व मंत्री आरएन सिंह परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के भरतखंड ओपी को पूर्ण थाना का दर्जा मिलने के उपरांत फीता काटकर थाना का विधिवत उदघाटन किया गया । जहां पुछताछ में एसपी सागर कुमार ने कहा कि अब भरतखंड अब अपने आप थाना का कार्य करेगा, यहां खुद प्राथमिकी दर्ज होगी, थाना को जितनी सुविधा सरकार ने दी है, उतनी सुविधा अब भरतखंड ओपी को थाना बनने के बाद मिल गया है ।

भरतखंड ओपी को पूर्ण थाना का दर्जा मिलने के उपरांत एसपी और पुर्व मंत्री ने संयुक्त रूप से फीता काटकर थाना का किया विधिवत उदघाटन 2उन्होंने कहा कि कार्य क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ओपी का जितना कार्य क्षेत्र था वही है। लेकिन पर्याप्त बल की व्यवस्था अवसर की व्यवस्था रहेगी। थाना सहायता अनुदान की राशि जो नियमों अनुसार थाना को मिलता है अब भरत खंड थाना को मिलेगा । इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण पर अंकुश लगेगी पुलिस पदाधिकारी थाना में आने वाले लोगों के साथ कुशल व्यवहार के साथ पेश आए। ताकि पुलिस एवं पब्लिक के बीच मधुर संबंध बन सके।

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भरतखंड ओपी को पूर्ण थाना का दर्जा मिलने के उपरांत एसपी और पुर्व मंत्री ने संयुक्त रूप से फीता काटकर थाना का किया विधिवत उदघाटन 3वही सुबे के पूर्व मंत्री सह विधायक आर एन सिंह उर्फ रामानंद प्रसाद सिंह ने माननीय ने सीएम नितीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए कहा की भरतखंड को पूर्ण थाना का दर्जा मिलना बहुत ही जरूरी था। नक्सल प्रभावित क्षेत्र, अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से यह ओ०पी० एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करते हैं। सभी ओ०पी० अपने पैतृक थाना के अन्तर्गत कार्य करते थे, जिसके कारण ओ०पी० स्वतंत्र रूप से कार्य करने में असमर्थ होते है ।

भरतखंड ओपी को पूर्ण थाना का दर्जा मिलने के उपरांत एसपी और पुर्व मंत्री ने संयुक्त रूप से फीता काटकर थाना का किया विधिवत उदघाटन 4ओ०पी० की प्राथमिकी उनके पैतृक थाना में दर्ज होती है, ओ०पी० क्षेत्र में विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने पर पैतृक थाना से दूरी होने के कारण उस क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को पहुँचने में काफी समय लग जाता है, जिससे अपराधियों पर अंकुश रखने एवं अपराध नियंत्रण में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अपराधियों एवं अपराध नियंत्रण, विधि-व्यवस्था के संधारण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिसूचित/ गैर अधिसूचित किन्तु कार्यरत ओ०पी० को स्थायी एवं स्वतंत्र रूप से कार्य करने हेतु थाना के रूप में उत्क्रमित किया गया।

खगड़िया संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट

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