सरकार द्वारा किसानों के हितों में चलाए गए विभिन्न योजनाओं को सरजमीं पर तो नहीं,फाईलों में पुरा कर लुट खसोट करने में मशगूल हो जाते हैं।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के किसानों की हालत दिन प्रति दिन खराब होती चली जा रही है। प्रखंड के पदाधिकारी समेत जनप्रतिनिधियों को किसान की सुध लेने की फ़ुर्सत नहीं है। यहां किसानो कि स्थिति दिनों दिन बद से बत्तर होता जा रहा हैं। लेकिन आप किसानों को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के समय, विधानसभा चुनाव के समय , लोकसभा चुनाव के समय यह सुनने को अवश्य हीं मिलता रहा होगा कि ऐ मेरे अन्न दाता मालिकों आपको बिज, बिजली, किटनाशक,खाद आदि स्सते दामों पर उपलब्ध कराए जाएंगे, आपके द्वारा उत्पादित अनाजों को उचित दाम, भण्डारण की व्यवस्था, फसलों का बीमा, सस्ते दरों पर ऋण भी दिए जाएंगे।
चुनाव संपन्न होते ही सबके सब तो कुंभकर्णी नींद में सो हीं जातें हैं। पदाधिकारी भी जैसे तैसे जनप्रतिनिधियों से मिलकर सरकार द्वारा किसानों के हितों में चलाए गए विभिन्न योजनाओं को सरजमीं पर तो नहीं, फाईलों में पुरा कर लुट खसोट करने में मशगूल हो जाते हैं।उदाहरण के तौर पर किसानों के लिए सिर्फ एक योजना जो पटवन से संबंधित सरकारी स्टेट टियूवेल और उद्भव सिंचाई योजना की बात करें तो आपको पता चल जाएगा कि पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि वर्तमान समय में पैसा का वैल्यू जितना नहीं गिरा है।उस से अधिक पैसा के लिए ये लोग गिर गये हैं। वीरपुर प्रखंड क्षेत्र में कुल 8 स्टेट टियूवेल और 6 उद्भव सिंचाई योजना के सरकारी नलकूप हैं। जिसमें से मात्र एक वीरपुर में अवस्थित स्टेट टियूवेल से कभी कभी सौ पचास किसानों के खेतों में हीं सिंचाई बड़ी मुश्किल से हो पा रही है।
ऐसा भी नहीं है कि विभाग या सरकार के द्वारा स्टेट टियूवेल या उद्भव सिंचाई योजना के रख रखाव के लिए पैसा नहीं दिया जाता है। आखिर पैसा दिया जाता है तो नौला में 1 स्टेट टियूवेल, वीरपुर पुर्वी पंचायत के पकरी और वीरपुर में अवस्थित 1+1 स्टेट टियूवेल,पर्रा पंचायत के दसैनतौर में 1स्टेट टियूवेल , लक्ष्मी पुर में 1 स्टेट टियूवेल, जगदर पंचायत के मुरादपुर में 1 स्टेट टियूवेल, फजीलपुर में 1 स्टेट टियूवेल, जगदर में 1 स्टेट टियूवेल कुल 8 में से एक को छोड़कर कर अन्य 7 में से किसानों की खेतों में पटवन क्यो नहीं होती है। यही हाल उद्भव सिंचाई योजना के सभी 6 नल कुपों की भी है। वीरपुर स्थित कुरनामा जलाशय में 2, भवानंदपुर पंचायत के पवराढाभ और सिकरौहुला में एक, एक, वीरपुर पश्चिम पंचायत के टांरी घाट में 1,डीह पर पंचायत के करीमटोल में 1 उद्भव सिंचाई योजना हैं जो सभी के सभी बर्षों से जिंर्न सिर्न अवस्था में बंद पड़े हैं।
उक्त पंचायतों के किसानों से जब इस संबंध में जानकारी लिया गया तो किसानों ने नाम नहीं छापने कि शर्त पर बताया कि समय-समय पर सरकार के द्वारा नल कुपों की रख रखाव के लिए पैसा दिया जाता रहा है। ठिकेदार, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के मिली भगत से किसानों के खेतों में पानी आने से पहले फाइलों में ही फाइनल हो जाता है। प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों के जानकारों ने यह भी बताया कि पंचायत समिति सदस्य चाहें तो 15 वीं योजना मद से इसे ठीक करा सकते हैं,बसर्ते किसी भी काम के लिए इमानदारी और काम करने का जज्बा हो तो। जानकारों ने यह भी बताया कि हम लोगों ने वह भी समय देखा जब श्रुति गुप्ता पंचायत समिति सदस्य हुआ करती थीं। उनके जज्बे को प्रखंड और जिला के पदाधिकारी भी लोहा मना करते थे। उन्होंने चाहा तो मक्का अनुदान अनुशंसा कर डीएम को बंटाने के लिए मजबूर कर दी थी। उन्होंने चाहा तो वीरपुर पकठौल पथ को भी जिर्णोद्धार करवा लिया था।तब उन्हें सीपीआई का समर्थन हुआ करता था।
इस संबंध में पूर्व विधायक शिवदासानी प्रसाद सिंह ने जो कुछ भी बताया वह चौंकाने और आश्चर्यजचकित करने वाली वातें सामने आई हैं। उन्होंने कहा तब के जनप्रतिनिधियों की सोच क्षेत्र के विकास से संबंधित हुआ करता था। उन्होंने सबुत देते हुए बताया कि वीरपुर में प्रखंड कार्यालय, थाना,पावर ग्रिड जैसे महत्वपूर्ण संस्थान उच्च पदाधिकारियों, और जंनप्रतिनिधीयों से काम करवाने के उदाहरण हैं। उन्होंने कहा अब के जंनप्रतिनिधीयों की सोच जनता को कैसे मुर्ख बना कर उसकी हालत को बद से बद्तर किया जा सकता है, यह वर्तमान जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी की सोची समझी साजिश है।
जिसके कारण प्रखंड क्षेत्र के सभी सरकारी स्टेट टियूवेल और उद्भव सिंचाई योजना किसी ना किसी कारण से बंद पड़ हुए हैं। वीरपुर प्रखंड कार्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण अभी तक नहीं हो पाना पदाधिकारियों और जंनप्रतिनिधीयों की मांशिकता को संकुचित साबित करता है।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट