राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति, सिमरिया के तत्वावधान में आयोजित 115वीं दिनकर जयंती समारोह के पांचवें दिन अद्यतन दिनकर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में हुआ कार्यक्रम।
डीएनबी भारत डेस्क
दिनकर बुद्ध की विचारधारा से प्रभावित थे। आज की राजनीति पार्टियां धर्म को अपने पंजे में लेकर समाज को दिग्भ्रमित कर रही है, इस भ्रम से निकलने में दिनकर की रचना संस्कृति का चार अध्याय हमारी मदद करती है। उक्त बातें राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति, सिमरिया के तत्वावधान में आयोजित 115वीं दिनकर जयंती समारोह के पांचवें दिन अद्यतन दिनकर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, सिमरिया में वरिष्ठ साहित्यकार इं. कन्हाई पंडित ने कही।
उन्होंने कहा कि बेगूसराय के हर प्रखंड में दिनकर जयंती मनाई जानी चाहिए, इससे शोषण, दमन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। दिनकर की कविता हमें भटकने से रोकती है और सही दिशा प्रदान करती है। समारोह की अध्यक्षता दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह और संचालन शिक्षक दयानंद कुमार ने किया। बच्चों को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रामानंद प्रसाद यादव ने कहा कि दिनकर की रचनाएं आज भी युग को प्रेरित करती है।साहित्यकार बबलू दिव्यांशु ने कहा कि दिनकर साहित्य ने सिमरिया की छवि को बदला है।
दिनकर का साहित्य ज्ञान का विपुल भंडार है। उनकी रचनाओं से जो आलोक प्रसारित होता है वह आज भी समय को प्रकाशित करता है। समारोह को बरौनी प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि शैलेश कुमार, समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, राजेंद्र राय नेताजी, कृष्णनंदन सिंह पिंकू, संजीव फिरोज आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत आगत अतिथियों ने दिनकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात विद्यालय की छात्रा वैष्णवी कुमारी और श्रुति कुमारी ने स्वागत गान प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया।
धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक लक्ष्मणदेव कुमार ने किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अभिनव प्रताप, ऋषिकेश, शुभांगी, पंखुरी, आदर्श, बालमुकुंद, सिम्मी, आदित्य, गौरव, रिया, शिवकुमार, आकृति, रवि राज आदि ने दिनकर की विभिन्न कविताओं का पाठ किया। मौके पर बिहट के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि इसराइल मियां, बद्री प्रसाद राय, मनीष कुमार, जितेंद्र झा, प्रवीण प्रियदर्शी, ए के मनीष, लवकुश कुमार, अमरदीप कुमार सहित विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार