सिमरिया में 19 अक्टूबर को ध्वजारोहण के साथ होगा कुंभ एवं 40 दिवसीय कल्पवास मेला का शंखनाद
सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ आश्रम स्वामी चिदात्मन जी महाराज के हवाले से मीडिया प्रभारी नीलमणि ने दी जानकारी।
सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ आश्रम स्वामी चिदात्मन जी महाराज के हवाले से मीडिया प्रभारी नीलमणि ने दी जानकारी।
डीएनबी भारत डेस्क
तीन जनपद देशों का संगम आदि कुम्भ स्थली पतित पावनी गंगा नदी तट सिमरिया धाम में आगामी 19 अक्टूबर 2023 से एक महिना के अधिक दिनों तक साधु -संतों, ऋषि -मुनियों, श्रधालुओं, नागाओं, ढ़ोल, बाजे, नगारे, हाथी ऊंट, घोड़े संत वाणी, प्रवचन, रामकथा, श्रीमद्भागवत कथा, गंगा महाआरती सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम, गंगा स्नानार्थियों से भरा पटा हुआ रहेगा।
इस दौरान शाही स्नान, पर्व स्नान, परिक्रमा एवं जयंती आदि के विशेष अवसर पर आस्था की भीड़ उमड़ पड़ती है। वहीं सिद्धाश्रम सिमरिया धाम कालीधाम सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ के अधिष्ठाता, करपात्री, अग्निहोत्री, प्रातः स्मरणीय परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कुम्भ एवं 40 दिवसीय कल्पवास मेला में परने वाली विशेष तिथि और अवसरों को तिथि अनुसार उल्लेख किया है।
स्वामी चिदात्मन जी महाराज के हवाले से मीडिया प्रभारी नीलमणि ने बताया है कि अक्टूबर माह में 6 विशेष व प्रमुख तिथियां है तथा नवम्बर माह में 9 विशेष तिथियां है। जिसमें ध्वजारोहण से लेकर ध्वज विसर्जन तक शामिल है। अक्टूबर माह में प्रमुख तिथियां इस प्रकार है। पहला 19 अक्टूबर को ध्वजारोहण के साथ कुम्भ एवं 40 दिवसीय कल्पवास मेला का शंखनाद, दुसरा 23 अक्टूबर को लघु परिक्रमा, तिसरा 25 अक्टूबर को प्रथम स्नान एवं प्रथम पर्व, चौथा 28 अक्टूबर को बाल्मिकी जयंती एवं रात्रि चन्द्र ग्रहण, पांचवां 29 अक्टूबर को उग्र ग्रह स्नान, छट्ठा अक्टूबर माह के अंतिम तिथि 31 अक्टूबर को प्रथम परिक्रमा है।
वहीं दूसरी तरफ नवम्बर माह में प्रमुख तिथियां कुछ इस प्रकार है। जिसमें प्रथम तिथि 8 नवम्बर को द्वितीय परिक्रमा, द्वितीय 9 नवम्बर को द्वितीय पर्व स्नान, तृतीय तिथि 11 नवम्बर को हनुमत जन्मोत्सव, चतुर्थ तिथि 14 नवम्बर को महाकवि कालिदास जयंती, पंचम तिथि 16 नवम्बर को तृतीय परिक्रमा, षष्ठी तिथि 23 नवम्बर को देवोत्थान एकादशी, तृतीय स्नान एवं दिनकर जयंती, सप्तम तिथि 25 नवम्बर को विद्यापति स्मृति दिवस, अष्टम तिथि 26 नवम्बर को सर्व देवी- देवता स्मृति दिवस एवं नवम में सम्पूर्णता निहित 27 नवम्बर को ध्वज विसर्जन की तिथि की घोषणा किया गया है।
इसमें तीन परिक्रमा में अक्टूबर माह में 31 अक्टूबर को प्रथम परिक्रमा, पड़ता है तथा नवम्बर माह के 8 नवम्बर को द्वितीय परिक्रमा तथा 16 नवम्बर को तृतीय परिक्रमा है। जिसमें भारत वर्ष ही नहीं अपितु विश्वभर के श्रद्धालुओं का पदार्पण होता है। सभी श्रद्धालु आस्था की बहती गंगा में गोता लगाकर निर्भीकता पूर्वक उत्सव मनाते हुए कल-कल करती गंगा की अविरल धारा में डुबकी लगाते हैं।
श्रद्धालु सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम, कालीधाम, शिव मंदिर, शक्ति पीठ, सहित सभी मंदिरों, आश्रमों में जाकर पूजा अर्चना कर अपनी मन्नतें मांगते हैं तो कोई अपनी पुरी हुई मन्नतें को लेकर पूजा अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है शास्त्र, धर्म, ग्रंथों आदि काव्य व पुराणों में की यहां से कोई ख़ाली हाथ नहीं जाता है। यहां सबकी मन्नतें पूरी होती है खासकर यहां मुंडन संस्कार के लिए अपार भीड़ उमड़ पड़ती है। वैसे सिमरिया गंगाघाट को मोक्षदायिनी गंगा नदी के नाम से भी जाना जाता है।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार