बिहार कुश्ती चैंपियन चंद्रभान पहलवान को आईजी विकास वैभव ने मगध श्री रत्न अवार्ड से किया सम्मानित
लखीसराय जिला के चानन प्रखंड के शिहचक गांव निवासी चंद्रभान पहलवान ने सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि भारत के कई राज्यों जैसे पश्चिमबंगाल, झारखंड, यूपी, हरियाणा तथा पंजाब में दर्जनों पुरस्कार जीतकर अपना जलवा दिखा चुके हैं।
लखीसराय जिला के चानन प्रखंड के शिहचक गांव निवासी चंद्रभान पहलवान ने सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि भारत के कई राज्यों जैसे पश्चिमबंगाल, झारखंड, यूपी, हरियाणा तथा पंजाब में दर्जनों पुरस्कार जीतकर अपना जलवा दिखा चुके हैं।
डीएनबी भारत डेस्क
जिसके दिल में जज्बा होता है ना उसे कठिन से कठिन चुनौतियां से जूझता हुआ आगे निकल जाता है। इस बात को साबित करके दिखा दिया है बिहार के आन बान और शान चंद्रभान पहलवान ने। बिहार कुश्ती चैंपियन चंद्रभान पहलवान बिहार के लखीसराय जिले के चानन प्रखंड के शिहचक गांव के निवासी हैं। उनके पिताजी भी नामी और धुरंधर पहलवान थे। उन्होंने अपने पिता और गुरु तथा अपने आत्मबल के दम पर कुश्ती का दांव पेच सीखा।
कुश्ती खेल में वह शिखर तक का सफर तय कर मुकाम हासिल करेंगी ऐसा दृढ़संकल्प लेकर चंद्रभान पहलवान ने अपने पिताजी से वादा किया था कि वे बिहार कुश्ती चैंपियन बनकर दिखाएंगे और उन्होंने एक बार नहीं बल्कि कई बार बिहार कुश्ती चैंपियन बनकर दिखाय।
इस क्रम में चंद्रभान पहलवान ने सिर्फ बिहार ही नहीं भारत के कई राज्यों जैसे पश्चिमबंगाल, झारखंड, यूपी, हरियाणा तथा पंजाब में दर्जनों पुरस्कार जीतकर अपना जलवा दिखा चुके हैं।हाल ही में उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार के सीनियर आईपीएस आईजी वैभव कुमार ने पटना के एक कार्यक्रम में मगध श्री रत्न अवार्ड से सम्मानित किया।
अपने सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने पहलवानी को अपना हथियार बनाकर कुश्ती को हर राज्य, जिला, प्रखंड और गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं एवं हर संभव सहयोग देते रहते हैं। कुश्ती उनके रोम रोम में बसता है इसीलिए उन्होंने बिहार के युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए कुछ जगहों पर धावक सेंटर भी खोला है।
पहलवानी के लिए लोगों को कुश्ती के दांव पेंच भी सिखाते हैं। लॉकडाउन में 11 मिनट में 500 डिप्स मारने का रिकॉर्ड चंद्रभान पहलवान जैसे साहसी व्यक्ति ही कर सकते हैं। बिहार कुश्ती चैंपियन चंद्रभान पहलवान ने सरकार व प्रशासन से भी अनुरोध किया हैं कि युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने में सहयोग करें।
लखीसराय संवाददाता सरफराज आलम