मोदी-नीतीश-प्रशांत सुराज नहीं, जनता का सुंदर राज है ‘जन सुराज’ – प्रशांत किशोर

DNB Bharat Desk

 

जन सुराज पदयात्रा के 21वें दिन पश्चिम चंपारण के बगहा पहुंचे प्रशांत किशोर, बोलें – नेताओं के पैदल चलने से लोगों का भला होगा। मोदी-नीतीश-प्रशांत सुराज नहीं, जनता का सुंदर राज है ‘जन सुराज’। यदि पैदल चलने से पब्लिसिटी मिलती है, तो आप भी पैदल चलिए, इसी बहाने जनता का भला होगा

डीएनबी भारत डेस्क 

जन सुराज पदयात्रा के 21वें दिन आज प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ रामनगर प्रखंड के अर्जुन विक्रम शाह स्टेडियम स्तिथ जन सुराज पदयात्रा शिविर से चलकर बगहा प्रखंड भैरोगंज पहुंचे। प्रशांत किशोर ने आज सुबह जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के रामनगर प्रखंड के शिविर में प्रार्थना सभा से की। इसके बाद रामनगर प्रखंड के पत्रकारों से स्थानीय समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान पलायन, स्वच्छता, खुले में शौच एवं जर्जर सड़को जैसी समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई।

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मोदी-नीतीश-प्रशांत सुराज नहीं, जनता का सुंदर राज है 'जन सुराज' - प्रशांत किशोर 2पदयात्रा शिविर में प्रशांत किशोर ने जन सुराज अभियान रामनगर प्रखंड समिति के सदस्यों के साथ भी मुलाकात की। इसके बाद पदयात्रा का हुजूम सबूनी चौक पहुंचा जहां पर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों ने सभी पदयात्रियों का स्वागत किया और प्रशांत किशोर ने सभा को संबोधित किया।

मोदी-नीतीश-प्रशांत सुराज नहीं, जनता का सुंदर राज है ‘जन सुराज’
सबूनी चौक में जनसभा को जन सुराज विचार को परिभाषित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ये मोदी सुराज नहीं, नीतीश सुराज नहीं, प्रशांत किशोर सुराज भी नहीं है, बल्कि जनता का सुंदर राज ही जन सुराज है। इसी क्रम में पदयात्रा का हुजूम आगे बढ़ते हुए रामनगर से चलकर ठाकुर बारी, सबूनी, भवल, पिपरा माफी, खतौरी, पकड़ी, जुड़ा, बाशा होते हुए भैरोगंज स्थित पदयात्रा कैंप पहुंची जहां पदयात्रियों ने रात्री भोज और विश्राम किया। प्रशांत किशोर और उनके साथ चल रहे सैकड़ों पदयात्रियों ने लगभग 20 किमी का सफर पैदल चलकर तय किया।

मोदी-नीतीश-प्रशांत सुराज नहीं, जनता का सुंदर राज है 'जन सुराज' - प्रशांत किशोर 3यदि पैदल चलने से पब्लिसिटी मिलती है, तो आप भी पैदल चलिए, इसी बहाने जनता का भला होगा
जन सुराज पदयात्रा में चल रहे प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के पब्लिसिटी वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यदि उन्हें पैदल चलने से पब्लिसिटी मिल रही है, तो मेरा नीतीश जी से आग्रह है वह भी पैदल चलें और पब्लिसिटी बटोरें। इसी बहाने जनता का कुछ भला हो जाएगा। इसके साथ ही पदयात्रा का अपना अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि विकास के जो तथाकथित दावे हैं, उससे जमीनी हकीकत एकदम उलट है।

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