तेघड़ा नगर परिषद चुनाव में उम्मीदवारों के बीच है कांटे का टक्कर तो कहीं नहीं हो पा रहे एकमत

DNB Bharat Desk

तेघड़ा नगर परिषद चुनाव में गहमा गहमी तेज

डीएनबी भारत डेस्क 

तेघड़ा नगर परिषद के चुनाव को लेकर राजनीतिक गहमा गहमी काफी तेज होती जा रही है। नगर परिषद के कुल 28 वार्डों में वार्ड पार्षद पद के लिये एक सौ से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जबकि मुख्य पार्षद पद के लिये सात एवं उप मुख्य पार्षद पद के लिये छः प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस बार मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को सीधे जनता के द्वारा चुनने का प्रावधान किया गया है जिसके कारण चुनाव का परिदृश्य बदला नजर आ रहा है।

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मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का पद अनारक्षित महिला के लिये घोषित किया गया है। इस आरक्षण रोस्टर के चलते कई राजनीतिक हस्ती चुनावी मैदान से बाहर हो गये हैं। अलबत्ता कई लोगों ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है। मुख़्य पार्षद पद के लिये मंजूषा देवी, नीलम देवी, अझली देवी, रेहाना खातून, सोनाली भारती, सुशीला देवी और शालिनी देवी चुनाव मैदान में हैं जबकि उप मुख्य पार्षद पद पर सोनी देवी, रागिनी देवी, नसीमा खातून, जीनत प्रवीण, प्रियम देवी और पूनम देवी अपना भाग्य आजमा रही है।

मुख्य पार्षद पद की उमीदवार मंजूषा देवी भाकपा के कद्दावर नेता भूषण सिंह की धर्मपत्नी हैं जिन्हें भाकपा ने अपना समर्थन दिया है। वहीं सोनाली भारती पूर्व उप प्रमुख रामनरेश सिंह के नातिन एवं पूर्व वार्ड पार्षद कन्हैया कुमार की धर्मपत्नी है। उम्मीदवार बनाने के सवाल पर गहरे मतभेद के कारण रामनरेश सिंह एवं कन्हैया कुमार भाकपा से अपना नाता तोड़ चुके हैं। वहीं इस पद के लिये भाजपा नेत्री शालिनी देवी भी चुनाव मैदान में हैं लेकिन इनकी उम्मीदवारी के सवाल पर भाजपा नेताओं में एकमत नहीं हैं। लोजपा ने गौड़ा 3 पंचायत की पूर्व मुखिया सुशीला देवी को अपना समर्थन दिया है। हालांकि कई लोजपा नेता पार्टी के इस फैसले के साथ नहीं हैं।

मुख्य पार्षद के पद के लिये पूर्व उप मुख्य पार्षद सह तेघड़ा बाजार के प्रमुख व्यवसायी सुरेश प्रसाद रौशन की धर्मपत्नी नीलम देवी भी दमखम के साथ अपना भाग्य आजमा रही हैं। दूसरी तरफ राजद में भी मुख्य पार्षद पद को लेकर घमासान छिड़ गया। एक तरफ राजद के जिलाध्यक्ष मोहित यादव ने अपनी धर्मपत्नी अझली देवी को चुनाव मैदान में उतारा है तो दूसरी तरफ पार्टी के जिला महासचिव मकबूल आलम ने भी अपने परिवार की बहू रेहाना खातून को मुख्य पार्षद का उम्मीदवार बनाया है। उप मुख्य पार्षद पद के लिये भी कमोबेश यही हाल है। नगर पंचायत की पूर्व मुख्य पार्षद नसीमा खातून को भाकपा ने अपना उप मुख्य पार्षद का उम्मीदवार घोषित किया है। दूसरी तरफ पूर्व मुख्य पार्षद दिवंगत आसमा खातून की पुत्रवधु जीनत प्रवीण अपने पूरे दम खम के साथ चुनावी मैदान में डटी है। इसी तरह अयोध्या गाँव की सोनी देवी, दनियालपुर की रागिनी देवी और मधुरापुर की प्रियम देवी तथा पूनम देवी भी उप मुख्य पार्षद पद पर अन्य उम्मीदवारों को टक्कर दे रही है।

मुस्लिम समुदाय से मुख्य पार्षद पद पर सिर्फ एक उम्मीदवार रेहाना खातून हैं वहीं पिछड़ा वर्ग से अझली देवी हैं जो अंतिम समय में अन्य उम्मीदवारों के चुनावी गणित को बिगाड़ सकते हैं ऐसा कयास लगाया जा रहा है। आगामी 10 अक्टूबर को मतदान होना है। अब देखना है चुनावी ऊँट किस करवट बैठता है और किसे जीत का ताज मिलता है।

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