भारतीय सेना के नायक सूबेदार शंभू ने शंख वादन में रचा इतिहास, तोड़ा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड
डीएनबी भारत डेस्क
लगातार 53 मिनट तक शंख बजाकर बेगूसराय जिले के बछवाड़ा पंचायत निवासी नायक सूबेदार शंभू कुमार ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन कर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्होंने इस उपलब्धी से अपने जिले राज्य व राष्ट्र का मान बढ़ाया है।

गिनीज बुक में अभी तक किसी और के नाम यह रिकॉर्ड नहीं है। शंभू भारतीय सेना में राजपूत रेजिमेंट के नायक सूबेदार पद पर कार्यरत है। उन्होंने भारत लेवल के अनेको रिकार्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया है।उन्होंने इंडिया बुक ऑफ़ रिकोर्ड, इंडिया स्टार बुक ऑफ़ रिकोर्ड,लिम्का बुक ऑफ़ रिकोर्ड, भारत वर्ल्ड रिकार्ड इसके अलावा उन्होंने 2020 में गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में सिंगल ब्रेथ में एक सांस और एक धुन में 80 सेकंड का वर्ल्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है। इसके बाद उन्होंने 2021 में इंग्लैंड आर्मी के सार्जेंट फिलिप्स पाल्मर ने बिगुल को 73 सेकंड का एक सांस और एक धुन में बजाने का रिकोर्ड था।
जिसको शंभू ने 83 सेकेण्ड तक लगातार एक सांस् और एक धुन में बजा कर उसके रिकोर्ड को ब्रेक कर दिया । वर्ष 2024 में ऑस्ट्रेलिया वाद्य यंत्र डिडगेरिडू को एक ऑस्ट्रेलिया के लचलान फिलिप्स ने एक सांस् और एक धुन में 65.66 सेकेण्ड का रिकोर्ड बनाया था। जिसे शंभू ने एक सांस् और एक धुन पर 89.43 सेकेण्ड तक बजाकर उसके रिकोर्ड को ब्रेक कर दिया। और गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकोर्ड बनाया । इन सभी उपलब्धियों के लिए शम्भु कुमार को सेना में अनेकों बार सम्मानित किया। रक्षा मंत्रालय में उप सेना प्रमुख सी पी मोहंती द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही रक्षा मंत्रालय में ए भारत भूषण बाबु महानिदेशक (एडीजी) मीडिया और संचार जनसंपर्क कार्यालय (रक्षा मंत्रालय) द्वारा सम्मानित किया गया एवं आर्मी सेंट्रल कमांड द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शंभू कुमार ने बताया कि उनका बचपन वाराणसी के मठ में स्वामी शीतल दास ट्रस्ट में बीता। वहां उन्होंने अध्ययन और पुजारी का काम किया किया करते थे एक दिन वो पूजा के दौरान शंख बजा रहे थे तो मठ के मठाधीश मंदिर के अन्दर गए और बोले शंभू तुमने भगवन के दर्शन करा दिया तो शंभू ने हाथ जोर लिया और बोला मैं तो आपका शिष्य हूँ इसपर शंभू को शंख का बजाते देख कर महंथ जी ने आशीर्वाद दिया आज से तुम लगातार शंख बजाओ और वो मंदिर से बहार निकाल गए उसी समय से शंभू का शंख बजाते समय सांस् लेने की टेक्टिस मिल गये और उसी समय से शंभू ने लगातार शंख बजाने का अभ्यास करने लगा जिसको लगातार 4-4 घंटो तक शंख बजाने का अभ्यास कर लिया फिर उन्होंने गिनीज की टीम के सामने शंख बजाने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाक बंद कर के 1 मिनट 20 सेकंड शंख बजाकर रिकॉर्ड कायम किया ।
शंख बजाने से लाभ
शंख बजाने से श्वसन, हृदय, पाचन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियों (जैसे अस्थमा, स्लीप एपनिया, खर्राटे, तनाव, ब्लड प्रेशर, थायरॉयड, हकलाना और डिप्रेशन) में राहत मिलती है, क्योंकि यह फेफड़ों और गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है,ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है, शरीर के ऊर्जा संतुलन को ठीक करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
शारीरिक लाभ
श्वसन संबंधी समस्याएं: यह फेफड़ों, डायाफ्राम और छाती की मांसपेशियों का व्यायाम कराता है, जिससे सांस लेने की क्षमता बढ़ती है और अस्थमा (दमा), स्लीप एपनिया (नींद में सांस रुकना) और खर्राटों में कमी आती है। शंखनाद से दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा कम होता है और हृदय संबंधी ब्लॉकेज खुलते हैं। पाचन और रक्तचाप: यह पाचन तंत्र को ठीक करता है और ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने में मदद करता है। थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र (वॉइस बॉक्स) का व्यायाम होता है, जिससे बोलने से जुड़ी समस्याएं (जैसे हकलाना) ठीक होती हैं।
मांसपेशियों का व्यायाम: गर्दन, पेट और गुदाशय (piles) की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ती है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती। तनाव कम होता है और मन शांत होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। शंख की ध्वनि से कीटाणु (बैक्टीरिया) नष्ट होते हैं और वातावरण शुद्ध होता है। चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव आने से झुर्रियां कम होती हैं।
डीएनबी भारत डेस्क
