300 से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति, मरिचा चूड़ा-दही और मिथिला के व्यंजनों ने पूर्ववर्ती छात्रों का मोहा मन, मिथिला के व्यंजन और लोकगीतों की गूंज, पूर्ववर्ती छात्रों ने कहा- विवि आकर धन्य हुए, व्यवस्था को बताया शानदार
डीएनबी भारत डेस्क
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर छात्र संगोष्ठी के दूसरे दिन लगभग तीन सौ से अधिक शोध की प्रस्तुति दी गई। शोध पत्र प्रस्तुति के लिए विश्वविद्यालय में विभिन्न कालेजों में एक साथ तकनीकी सत्र आयोजित किये गये।

सभी तकनीकी सत्रों में शोध प्रस्तुति में प्रथम स्थान पाने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट,मेडल एवं पुरस्कार राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। इधर पूर्ववर्ती छात्रों के सम्मेलन के दूसरे दिन पूर्ववर्ती छात्रों और उनके परिजनों को विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थाओं और विभागों का दर्शन कराया गया। पूर्ववर्ती छात्रों के भोजन के लिए विशेष रूप से मिथिला के व्यंजन बनाए गए थे और नाश्ता मे मरीचा धान के चूडा और दही की व्यवस्था भी की गई थी ।
पूर्ववर्ती छात्रों के सम्मान में विश्वविद्यालय के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जिसमें विभिन्न राज्यों के के गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किये गये। पूर्ववर्ती छात्र श्री सुबोध कुमार ने कहा कि वे विश्वविद्यालय में आकर धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने जिस तरह की व्यवस्था की है वो सराहनीय है। विश्वविद्यालय में रहने की , भोजन की और भ्रमण की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में देश और दुनिया में एक नया मुकाम हासिल करेगा । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षको, वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों को तथा स्थानीय लोगों को कुलपति का सहयोग करना चाहिए, क्योंकि यदि विश्वविद्यालय का विकास होगा तो उन सबका विकास होगा।
पूर्ववर्त्ती छात्र डॉ नीरज कुमार ने कहा कि कुलपति डॉ पांडेय के मन में विश्वविद्यालय के विकास को लेकर पूरा प्लान है और अगर सबका सहयोग मिलेगा तो आने वाले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर सकता है।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट