हड़ताल से नालंदा में धान खरीद प्रभावित, जिले में अधिप्राप्ति की रफ्तार सुस्त
डीएनबी भारत डेस्क

सहकारिता प्रसार पदाधिकारी संघ के बैनर तले राज्यभर के सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी (BCO) एक दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण नालंदा जिले सहित पूरे प्रदेश में धान अधिप्राप्ति कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।
पैक्स अध्यक्षों से लेकर किसान (अन्नदाता) तक सभी परेशान नज़र आ रहे हैं। नालंदा जिले में धान अधिप्राप्ति की गति सुस्त पड़ गई है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि अब तक जिले के 220 किसानों से 2025 मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है, जिसमें से 175 किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है।
जिले में कुल 156 समितियाँ चयनित हैं, जिनमें से फिलहाल 70 समितियाँ सक्रिय हैं जबकि बाकी समितियों का चयन होना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर इस बार 36 लाख 85 हजार एमटी धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन BCO की हड़ताल के चलते जिलों के लक्ष्य तय नहीं किए जा सके हैं।
जिले में अब तक 8831 किसानों का निबंधन हो चुका है। जिले में धान अधिप्राप्ति का कार्य 15 नवंबर से शुरू हुआ था। पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि BCO की हड़ताल के कारण धान अधिप्राप्ति लगभग ठप हो गई है, क्योंकि पूरे अधिप्राप्ति कार्य का रिकॉर्ड, तकनीकी प्रक्रिया और सत्यापन BCO के माध्यम से ही होता है।
इस कारण किसान अपने धान की बिक्री न कर पाने से चिंतित हैं।वही बैंको के मर्ज होने से कई किसानों का भुगतान भी नहीं हो पाया हैं.
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों की यह हड़ताल कब समाप्त होगी। जब तक हड़ताल जारी रहेगी, तब तक न केवल नालंदा जिले बल्कि पूरे राज्य में धान अधिप्राप्ति की रफ्तार ठप रहने की आशंका है।
डीएनबी भारत डेस्क