समस्तीपुर जंक्शन पर फिर उमड़ी ‘प्रवासी’ भीड़, छठ और वोटिंग के बाद अब नौकरी की मजबूरी में पलायन

DNB Bharat Desk

समस्तीपुर: प्रवासी मजदूर जो छठ महापर्व के साथ-साथ लोकतंत्र के महापर्व बिहार विधानसभा चुनाव में शामिल होकर अपने कार्यस्थल की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रथम चरण की वोटिंग खत्म होते ही समस्तीपुर जंक्शन एक बार फिर प्रवासी यात्रियों की भीड़ देखी जा रही है।स्टेशन परिसर व प्लेटफॉर्म से लेकर टिकट काउंटर तक हर जगह लंबी कतारें देखी गईं।

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प्रदेश लौटने की जल्दी में यात्रियों की भीड़ इतनी बढ़ी कि कई एक्सप्रेस ट्रेनों में सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक यात्री सवार हो रहे हैं। स्टेशन पर तैनात आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी व जवान लगातार निगरानी कर रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए प्लेटफॉर्म और स्टेशन परिसर में गश्त बढ़ा दी गई है। बाहर बनाए गए होल्डिंग एरिया में भी यात्रियों की भारी संख्या बैठी नजर आई।

समस्तीपुर जंक्शन पर फिर उमड़ी 'प्रवासी' भीड़, छठ और वोटिंग के बाद अब नौकरी की मजबूरी में पलायन 2आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक अविनाश करोशिया ने बताया कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता रूट की सभी प्रमुख ट्रेनों में भारी भीड़ उमड़ रही है। सामान्य दिनों की तुलना में वेटिंग लिस्ट 8 से 10 गुना तक बढ़ गई है। टिकट काउंटरों पर धक्का-मुक्की की स्थिति है और कई यात्री बिना रिजर्वेशन के ही कोचों में चढ़ने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे टीटीई भी काफी परेशान दिखे। ग्रामीण इलाकों से आए प्रवासी अपनी मजबूरियों के साथ वापस लौटने लगे हैं।

समस्तीपुर जंक्शन पर फिर उमड़ी 'प्रवासी' भीड़, छठ और वोटिंग के बाद अब नौकरी की मजबूरी में पलायन 3यात्रियों का बताना है कि छठ मनाने और वोट डालने आया था। बिहार बदल रहा है, विश्वास है और बेहतर होगा। पर नौकरी की मजबूरी फिर दिल्ली खींच रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले चरण के मतदान में 7-8 प्रतिशत की बढ़ोतरी प्रवासी मजदूरों की वजह से हुई हसनपुर, मोहिउद्दीननगर, पटोरी, सरायरंजन, रोसड़ा और विभूतिपुर जैसे क्षेत्रों में हजारों प्रवासी मतदान के बाद प्रदेश लौट रहे हैं।

समस्तीपुर जंक्शन पर फिर उमड़ी 'प्रवासी' भीड़, छठ और वोटिंग के बाद अब नौकरी की मजबूरी में पलायन 4अब चुनाव और छठ के बाद गांव फिर से खाली होने लगे हैं। ट्रेन की सीटी के साथ प्लेटफॉर्म से निकलती भीड़ एक बार फिर प्रदेश की ओर बढ़ते सपनों का एहसास दिला रही है। लोगों का कहना है की हमने लोकतंत्र का फर्ज निभा दिया, अब नई सरकार की जिम्मेदारी है कि पलायन रोकने का वादा निभाए।

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