सनातन धर्म में सोलह संस्कार की प्रधानता है,जो भारत में जन्म लिए हैं,वह दान धर्म के महत्व को समझते हैं
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/सिमरिया-हम धर्म और सत्य के मार्ग पर चलते हैं तो भगवान हमारी सब प्रकार से रक्षा करते हैं। उक्त बातें गुरुवार को सर्वमंगला सिद्धाश्रम के ज्ञान मंच कार्तिक महात्म और श्रीमद् भागवत पर प्रकाश डालते हुए परम पूज्य स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में सोलह संस्कार की प्रधानता है जो भारत में जन्म लिए हैं, वह दान धर्म के महत्व को समझते हैं ।

प्रकृति स्वतंत्र है और प्रकृति के अनुसार हम सब का इस धरा धाम पर लीला चलता रहता है। जब तक हम लोग पूर्णता की प्राप्ति नहीं करते तब तक इस पृथ्वी लोक पर पुनः आवागमन का चक्कर लगा ही रहता है । उस गुनातीत को प्राप्त करने के लिए उस तत्व अतीत को प्राप्त करने के लिए जब तक हम संयम से अपने आप में धर्म का कर्म का पालन नहीं करते तब तक हमको सुख और वैभव की प्राप्ति नहीं हो सकती है । कितना भी बड़ा पात्र हो अगर उसमें जरा सा भी छिद्र हो तो उसका जल धीरे-धीरे व्यर्थ हो जाता है।
उन्होंने कहा कि संस्कार से गर्भ की शुद्धि होती है, समय से जल की शुद्धि होती है और समय से ही अशुद्ध भूमि की भी शुद्ध होती है । तपस्या करने से इंद्रियों की भी शुद्धि होती है, यज्ञ करने से सारे मनोरथ की सिद्धि होती है ,दान देने से धन की शुद्धि होती है और मन की शुद्धि संतोष से होता है।आत्मा की शुद्धि आत्मज्ञान से और जप करने से जपात सिद्धि होती है।
उन्होंने बतलाया कि जब जब पृथ्वी पर पापियों और अत्याचारियों का भार हुआ है तब तब इस पृथ्वी पर इस पाप के भार को हरने के लिए साक्षात शक्ति स्वरूपा मां काली का पदार्पण हुआ है उन्होंने कहा कि जो कल से अतीत है वही काली है, जिसकी कभी मृत्यु नहीं होती ,वही कल से अतीत है। मौके पर रविन्द्र ब्रह्मचारी, मीडिया प्रभारी नीलमणि, नवीन सिंह,संतोष झा,कृष्ण झा, जियाउल, राजीव सिंह, गोपाल झा, श्याम झा, लक्ष्मण झा, राम झा साहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट