यह साधना विश्व के कल्याण, गांव और समाज की समृद्धि के लिए निःस्वार्थ भाव से कर रहे हैं। मां की कृपा से हर दुख-दर्द मिटे और सभी के जीवन में सुख-शांति आए
डीएनबी भारत डेस्क
नवरात्रि के पावन अवसर पर मां शक्ति की उपासना पूरे देशभर में विविध रूपों में की जा रही है। कोई उपवास रखकर तो कोई भजन-कीर्तन से मां को प्रसन्न कर रहा है। इसी कड़ी में बेगूसराय के अझौड़ गांव में भक्त रमाकांत महतो ने साधना का एक अद्वितीय रूप चुना है। वे लगातार दो वर्षों से छाती पर कलश रखकर तपस्या कर रहे हैं।

रमाकांत महतो (कलशधारी):
“हम यह साधना विश्व के कल्याण, गांव और समाज की समृद्धि के लिए निःस्वार्थ भाव से कर रहे हैं। मां की कृपा से हर दुख-दर्द मिटे और सभी के जीवन में सुख-शांति आए, यही हमारी कामना है।”
भक्त रमाकांत महतो की इस साधना ने श्रद्धालुओं के बीच खास चर्चा पैदा कर दी है।
देवेंद्र मिश्रा (पुजारी):
“यह तप अत्यंत दुर्लभ है। मां भगवती की विशेष कृपा से ही यह संभव हो रहा है। ऐसे भक्त समाज को आस्था और भक्ति का अद्भुत संदेश देते हैं।”
मां शक्ति की भक्ति का यह अनूठा रूप न केवल नवरात्रि की परंपरा को और भी पवित्र बना रहा है, बल्कि समाज में आस्था और श्रद्धा का विशेष संदेश भी दे रहा है।
डीएनबी भारत डेस्क