शिक्षक समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं, जिसको लेकर 5 सितम्बर को डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है – मजहर आलम

DNB Bharat Desk

समस्तीपुर-ज्ञान और संघर्ष, शिक्षा और सामाजिक न्याय-इन दोनों मूल्यों की अनोखी संगति एवं सम्मान समारोह के साथ शुक्रवार को धरमपुर चकनूर रोड स्थित जेनिथ सेंट्रल स्कूल के सभागार में देखने को मिली। अवसर था देश के द्वितीय राष्ट्रपति, महान दार्शनिक एवं शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने सर्व पल्लवी डॉ राधाकृष्णन के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन से की।

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मौके पर स्कूल के डायरेक्टर मज़हर आलम ने कहा शिक्षक समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं। जिसको लेकर 5 सितम्बर को डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि शिक्षक ही वह शक्ति हैं जिनके बिना राष्ट्र का भविष्य अधूरा है।उन्होंने कहा कि आज यदि भारत का भविष्य उज्जवल है तो उसकी नींव शिक्षकों के समर्पण और मार्गदर्शन में निहित है। विद्यालय के निदेशक ने बताया डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा है कि जो हमें सोचने की स्वतंत्रता देते हैं, वही सच्चे शिक्षक हैं।

शिक्षक समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं, जिसको लेकर 5 सितम्बर को डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है - मजहर आलम 2उन्होंने कहा कि हम शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर हम सभी गुरुजनों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को दिशा दी, मूल्य दिए और हमें बेहतर इंसान बनाया। उन्होंने कहा डॉ. राधाकृष्णन न केवल एक महान शिक्षक थे बल्कि एक दार्शनिक विचारक और भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे। उनका जीवन शिक्षा के प्रति समर्पण और ज्ञान के प्रचार प्रसार का प्रतीक है। मौके पर डायरेक्टर मज़हर आलम तथा विद्यालय परिवार के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

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