ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार नौ लोगों की मौत के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे आक्रोशित भीड़ ने मंत्री की धोती तक खोलने का किया प्रयास ।
डीएनबी भारत डेस्क

नालंदा-हिलसा थाना क्षेत्र के मलावां गांव में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार नौ लोगों की मौत के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। गांव पहुंचते ही ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया, लेकिन जब मंत्री ने ग्रामीणों की समस्याओं और मुआवजे के अलावे अन्य समस्याओं की मांग को सुनने से इंकार कर दिया, तो लोगों का गुस्सा भड़क उठा।
देखते ही देखते सैकड़ों की भीड़ ने मंत्री और उनके अंगरक्षकों पर रोड़ेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने मंत्री की धोती तक खोलने का प्रयास किया।हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की सूझबूझ से मंत्री श्रवण कुमार को भीड़ से किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला गया। ग्रामीणों का कहना था कि वे सिर्फ मृतक परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे, लेकिन मंत्री ने उनकी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया। वहीं, कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय जेडीयू विधायक प्रेम मुखिया से नाराज़गी भी मंत्री के ऊपर निकल गई।
फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और गांव में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।वहीं मौके पर मौजूद हिलसा के जेडीयू विधायक प्रेम मुखिया ने कहा कि इस घटना के पीछे विरोधी खेमे के असामाजिक तत्वों का हाथ है। उन्होंने कहा कि मुझे और सरकार को बदनाम करने की साजिश विरोधी खेमे के द्वारा रचा गया है।विधासभा चुनाव के मद्देनजर सरकार को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी के भी कुछ लोग टिकट लेने की चाहत में विरोधी खेमे से मिलकर इस तरह की घटना को अंजाम दिया है उनकी यह मंशा कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी पार्टी और विरोधी की में के ऊपर ठिकड़ा फोड़ा।
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