डीएनबी भारत डेस्क
भगवानपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दादपुर के सभागार में सर्वमंगला शक्ति पीठ, काश्यप धाम, दादपुर के तत्वावधान में स्वामी चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान के द्वारा आयोजित संस्कृत दिवस सप्ताह के त्रिदिवसीय संगोष्ठी के तीसरे दिन समापन सह सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने अपने आशीर्वचन उद्वोधन में कहा कि संस्कृत विश्व संस्कृति की जननी है। संस्कृत देवभाषा है।

और उस संस्कृत भाषा को व्यापक रुप से इस दादपुर स्थित सर्वमंगला शिव शक्ति पीठ काश्यप धाम ने समारोह पूर्वक मनाया, धन्य है यह गांव। जिसने नौनिहालों के बीच संस्कृत पाठ प्रतियोगिता आयोजित कर एक किर्तिमान स्थापित किया है।आज भारत संस्कृत, संस्कृति और अपने विशिष्ट संस्कार के कारण ही विश्व में विश्वगुरु बनने की ओर हैं। समारोह में विशिष्ट अतिथि डॉ सचिदानंद पाठक जी ने कहा कि संस्कृत संस्कृति का रक्षक हैं।इसे व्यवहार में लाना होगा, क्योंकि यह ब्रह्माण्ड की भाषा हैं ।यह कोई जाति विशेष की भाषा नहीं हैं।
संस्कार को सुशोभित करने वाली भाषा है। विशिष्ट अतिथि डॉ घनश्याम झा ने कहा कि संस्कृत एक संस्कार हैं, इसमें अथाह संभावना है। संस्थान के निदेशक डॉ विजय कुमार झा ने कहा कि आज का यह त्रिदिवसीय संगोष्ठी संस्थान के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। अगले वर्ष से संस्थान के तत्वावधान में यहां और भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में सोनी कुमारी शिक्षिका तथा कथा वाचिका हर्षिता कुमारी ने भी संस्कृत और संस्कृति पर विचार व्यक्त किए।
समारोह में सर्वप्रथम पंडित कन्हैया झा तथा पंडित लक्ष्मण झा जी ने स्वस्ति वाचन किया, उसके पश्चात सभी आगत अतिथियों को मिथिला परम्परा के अनुसार पाग अंगवस्त्र तथा पुष्पहार से सम्मानित किया गया। उसके पश्चात सभी सम्मानित अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।इस अवसर पर सभी पंद्रह प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।संचालन संस्थान के सचिव सुधीर चौधरी और धन्यवाद ज्ञापन सह सचिव प्रो पी के झा प्रेम ने किया।
बेगूसराय भगवानपुर संवाददाता गणेश प्रसाद की रिपोर्ट