मध्यमा पाठ्यक्रम में रामचरितमानस को किया गया सम्मिलित
प्रथम वर्ग से दशम वर्ग तक का पाठ्यक्रम संशोधऩ एवं संवर्धन कार्य शुरु, नूतन पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को सरलता से बोधगम्य कराते हुए संस्कृत के प्रति रूचि उत्पन्न करना ,नैतिक शिक्षा के रूप में श्रीमद्भगवतगीता को किया गया सम्मिलित

डीएनबी भारत डेस्क
बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम अब नये स्वरूप में जल्द ही विद्यालयों में उपलब्ध होगा । इसके लिए बोर्ड के सचिव नीरज कुमार ने अध्यक्ष की अनुमति से छः सदस्ययी टीम का गठन 10 जुलाई को की । कार्य को शीघ्र मूर्तिरूप देने को लेकर अरूण कुमार झा के संयोजकत्व में सभी पाठ्यक्रम सदस्यों की बैठक 11 एवं 12 जुलाई को आहूत की गई । दो दिनों तक चले इस मैराथन बैठक में प्रथम वर्ग से लेकर दशम वर्ग (मध्यमा) तक प्रतिकक्षानुसार प्रचलित पाठ्यक्रम का अवलोकन करते हुए बिन्दुशः समीक्षा कर उपस्थापित किया गया ।
विमर्शोपरान्त सर्वप्रथम शुक्रवार को मध्यमा कक्षा के पाठ्यक्रम को NEP-2020 एवं आधुनिक एवं व्यावसायिक विषयों को ध्यान में रखकर नूतनतया संशोधित एवं परिवर्धित कर प्रारूप तैयार किया गया । बार्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने बताया कि मध्यमा पाठ्यक्रम में समिति द्वारा रामचरितमानस को सम्मिलित किया गया । अब छात्र रामचरितमानस के गूढ़ रहस्यों एवं भारतीय संस्कृति से पूर्णरूप से परिचित होंगे । पाठ्यक्रम में बिहार के मूर्धन्य विद्वान् पं.अम्बिकादत्त व्यास की प्रसिद्ध कृति शिवराजविजयम् ग्रन्थ को सम्मिलित किया गया है । जिससे संस्कृत छात्र अपने राष्ट्र नायकों के कृतित्वों से अवगत होंगे । छात्रों में दार्शनिक ज्ञान वृद्धि के लिए दर्शन के आदिग्रन्थ तर्कसग्रंह को पाठ्यक्रम में स्थान दिया गया । वहीं नैतिक शिक्षा के विकास हेतु श्रीमद्भगवद्गीता के कुछ प्रमुख अंशों को समाहित किया गया ।
अनिवार्य पत्र में हिन्दी,अंग्रेजी एवं सामान्य विज्ञान के अलावा ऐच्छिक विषय में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पौरोहित्य(कर्मकांड),ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, शिल्पकला, अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा (खेलकूद) ,योग शिक्षा तथा कम्प्युटर आदि विषयों को समाहित किया गया । इसके अलावा गणित, गृहविज्ञान,संगीत,मैथिली,भोजपुरी को भी ऐच्छिक विषय के रूप में स्थान मिला है । वहीं शनिवार को पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों नें नवम वर्ग के पाठ्यक्रम का अवलोकन करते हुए विमर्शोपरान्त प्रारूप तैयार किया ।
पाठ्यक्रम उपसमिति में बोर्ड के सदस्य अरूण कुमार झा , चन्द्रकिशोर कुमार , डॉ.रामसेवक झा, निरंजन कुमार दीक्षित ,डॉ.विभूतिनाथ झा, डॉ.हरेराम कुमार उपाध्याय सदस्य के रूप में उपस्थित थे । प्रधान सहायक भवनाथ झा ने बताया कि समित द्वारा निर्मित संशोधित एवं संर्वधित पाठ्यक्रम को बिहार संस्कृत शिक्षा बार्ड के सभी मान्य सदस्यों के समक्ष एप्रूबल के लिए प्रस्तुत किया जाएगा । अनुमोदनोपरांत पाठ्यक्रम का प्रकाशन कर सभी विद्यालयों में शीघ्र प्रेषित किया जाएगा ।
डीएनबी भारत डेस्क