1952 से लंगोट चढ़ाने की चली आ रही है परंपरा, 800 सौ साल पुराना है बाबा की समाधि।
डीएनबी भारत डेस्क

नालंदा जिले के बिहार शरीफ में एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां प्रसाद के रूप में लंगोट चढ़ाया लंगोट और प्रसाद के रूप में भी लंगोट का वितरण होता है।
दरअसल बिहार शरीफ मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाबा मणिराम अखाड़ा का मंदिर है जहां हर साल गुरु पूर्णिमा के दिन से लंगोट तर्पण मेला का आयोजन किया जाता है। मेला के शुरुआत में बाबा मणिराम की समाधि पर सबसे पहले प्रशासन के द्वारा लंगोट चढ़ाया जाता है।
आपको बता दे की बाबा मणिराम की समाधि लगभग 800 साल पुरानी है और यहां 1952 ई से लंगोट चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। बाबा मनीराम ने सनातन धर्म की प्रचार प्रसार के लिए कुश्ती को अपना माध्यम बनाया था। बाबा का संदेश था कि स्वच्छ मन के लिए स्वच्छ तन का होना जरूरी है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार जो भी सच्चा भक्त अपनी सच्ची श्रद्धा से बाबा के समाधि पर लंगोट अर्पण करता है उसकी मुराद पूरी होती है। इस लंगोट मेला के दौरान नालंदा जिले के अलावे बिहार झारखंड बंगाल के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा के दरबार में हाजिरी लगाकर अपनी मन्नत पूरी करते हैं।
डीएनबी भारत डेस्क