परिवार के सदस्य घर पर लगातार भगवान की पूजा-अर्चना में जुटे
डीएनबी भारत डेस्क

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में बेगूसराय का एक मेडिकल का छात्र भी घायल हुआ है। हालांकि, फिलहाल वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है। इस बीच, उसके परिवार के सदस्य घर पर लगातार भगवान की पूजा-अर्चना में जुटे हैं। घरवालों का कहना है कि भगवान की कृपा से ही उनके बेटे की जान बची है। जबकि उसके साथ मेस में खाना खाने वाले अन्य साथियों की मौत हो गई। यह कहते हुए छात्र की मां की आंखों में आंसू आ गए। उक्त छात्र जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के मेहदा शाहपुर निवासी ललन शर्मा के पुत्र रितेश कुमार (24) के रूप में पहचाना गया है। अहमदाबाद के अस्पताल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने घायल छात्रों का हाल-चाल जाना।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह के हाल-चाल जानने के दौरान की एक तस्वीर रितेश का भी आई है, जिसे गांव में प्रसारित कर लोग भगवान का लाख-लाख शुक्र अदा कर रहे हैं। वहीं, घटना के बाद से उसके घर पर लोगों का आना-जाना लगा हुआ है। परिजन रितेश के बाल-बाल बचने से खुश भी हैं और सदमे में भी हैं। रितेश की मां सुनैना देवी ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तो अनजान से नंबर से दोपहर करीब तीन बजे मुझे एक कॉल आया है। पहले पूछा गया कि क्या रितेश के पेरेंट्स बोल रहे हैं, तो मैंने कहा कि हां। फिर जवाब आया कि एक हादसा हो गया है, जिसमें उसका पैर फ्रैक्चर हो गया है। हम उसे अस्पताल में भर्ती करवाने जा रहे हैं। इसके बाद मेरा होश गुम हो गया। मैंने अपने भाई को इसकी सूचना दी, जो दार्जिलिंग में रहता है और मेडिकल सेक्टर से जुड़ा हुआ है। आगे रितेश की मां ने बताया कि करीब पांच घंटे के बाद मुझे अपने बेटे से बात हुई।
फोन पर उसने हादसे का जो आंखों देखा मंजर बताया, उसे सुनते ही मेरी रूह कांप गई।सुनैना देवी ने आगे कहा कि रितेश ने बताया कि हम अपने कॉलेज के मेस में दोस्तों के साथ खाना खा रहे थे। तभी हम लोग हंसकर पहला निवाला मुंह में ले रहे थे। अचानक यह हादसा हो गया और मेरे ऊपर प्लेन में रखी ट्रोलियां गिरने लगीं। मेरे दोस्त मेरे सामने बेतहाशा पड़े हुए थे। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसके बाद एक टेबल मेरे ऊपर आ गया, जिससे मेरी जान बच सकी। उक्त वाकया रितेश ने फोन पर अपनी मां को बताया और कहा कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है जो मेरी जान बच गई। मैं मौत को अपने आंखों के सामने देख चुका था। इसके बाद से रितेश गहरे सदमे में है और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। रितेश के परिवार वालों ने बताया कि अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में रितेश का एडमिशन कुछ साल पहले हुआ था।
इससे पहले वह कोटा में रहकर मेडिकल प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था। जिसमें उसे सफलता मिलने के बाद अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में नामांकन में सफलता मिली। वह खुशी-खुशी अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।रितेश के चाचा मनटुन शर्मा ने बताया कि घटना के दिन शाम सात बजे जानकारी होने के बाद जब फोन किया तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। इसके बाद मैंने रितेश की मां से बात की, जिन्होंने बताया कि हां, उससे फोन पर बात हुई है। वह ठीक है, उसे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उसके साथ मेस में खाना खा रहे चार-पांच छात्रों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हमारा लड़का ठीक है और उसके ऊपर टेबल गिर जाने से उसकी जान बाल-बाल बच गई। किसी अन्य लड़के ने उसे वहां से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया।
इसके कुछ देर बाद ही हमें फोन पर बात हो सकी। इसके बाद हम लोगों ने राहत की सांस ली। बहुत कठिनाइयों से उसे पढ़ाई के लिए भेजा गया, जो जमीन बेचकर पढ़ाया जा रहा है। उसके पिता कारपेंटर का काम करते हैं और मजदूरी कर उसे पढ़ाते हैं। वे बहुत कष्टमय जीवन में अपने बेटे को मेडिकल की पढ़ाई करवा रहे हैं।
डीएनबी भारत डेस्क