पोषण के साथ पढ़ाई को लेकर आंगनवाड़ी सेविकाओं के बीच प्रशिक्षण शुरु

DNB Bharat Desk

बेगूसराय जिले के भगवानपुर प्रखंड की सभी आंगनवाड़ी सेविकाओं के कौशल विकास और बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ का आयोजन किया जा रहा है। यह व्यापक प्रशिक्षण अभियान आगामी 16 मई से प्रखंड स्तर पर शुरू होगा और 30 मई तक चलेगा। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य सेविकाओं को बच्चों के पोषण और शिक्षा के महत्व के बारे में गहन जानकारी और आवश्यक कौशल प्रदान करना है।

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प्रखंड समन्वयक मौशमी कुमारी ने इस महत्वपूर्ण पहल की जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण को सुचारू रूप से संचालित करने और सभी सेविकाओं की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसे तीन अलग-अलग बैचों में आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक बैच में सेविकाओं को बच्चों के स्वस्थ शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक पोषण संबंधी जानकारी के साथ-साथ प्रारंभिक शिक्षा की नवीनतम तकनीकों और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्य में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) को पिरामल फाउंडेशन का बहुमूल्य सहयोग प्राप्त हो रहा है।

पोषण के साथ पढ़ाई को लेकर आंगनवाड़ी सेविकाओं के बीच प्रशिक्षण शुरु 2इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और जीविका जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगी। इन विभागों के विशेषज्ञ सेविकाओं को उनके संबंधित क्षेत्रों की नवीनतम जानकारियों और सर्वोत्तम प्रथाओं से अवगत कराएंगे, जिससे वे जमीनी स्तर पर बच्चों और माताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें।बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं का उन्मुखीकरण कार्यक्रम पहले ही आयोजित किया जा चुका है। इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम के माध्यम से पर्यवेक्षिकाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा, उद्देश्यों और अपेक्षित परिणामों से अवगत कराया गया है।

पोषण के साथ पढ़ाई को लेकर आंगनवाड़ी सेविकाओं के बीच प्रशिक्षण शुरु 3वे प्रखंड स्तर पर इस प्रशिक्षण के सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और सेविकाओं को मार्गदर्शन प्रदान करेंगी।इस पहल का मुख्य उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता में वृद्धि करना है, ताकि वे बच्चों के पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक प्रभावी ढंग से अपनी सेवाएं दे सकें। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि जिले में बाल विकास संकेतकों को बेहतर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा। जिला प्रशासन और संबंधित विभाग इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद करते हैं कि यह पहल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगी।

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