ट्रेड यूनियन के कर्मचारी ने जिलाधिकारी पर मनमानी का लगाया आरोप
डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय मे आज आराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सभी ट्रेड यूनियन सेवा संगठन के द्वारा देश व्यापी अपनी ग्यारह सूत्री मांगो को लेकर समाहरणालय के सामने डीएम के खिलाफ मनमानी के आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया।
हंगामा देखकर बीच बचाव करने के लिए पहुंचे सदर एसडीओ राजीव कुमार उसके साथ भी आंदोलन कर रहा है लोगों के साथ बहसा वासी शुरू हो गया। घंटे तक यह हंगामा चला रहा। आप तस्वीरों में देख सकते हैं की किस तरह सदर एसडीओ राजीव कुमार और कर्मचारी के साथ बहसा वासी हो रही है। उसके बाद सभी कर्मचारी अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताली चौक पर पर बिशाल धरणा प्रदर्शन किया गया। इसके पहले संगठन के बैनर तले एक बिशाल रैली निकाली गई जो बिभिन्न रास्तो से होता हुआ हड़ताली चौक पहुंचा।
इस दौरान कर्मचारियो की समस्या को लेकर अपनी मांग रखी गई। संगठन से जुड़े लोगो ने बताया की बीस मई को आम हड़ताल की की जा रही है पर कर्मचारियों की समस्या जस की तस बनी हुई है। इन समस्यायो को लेकर जब संगठन जिलाधिकारी से मिलता है तो उनके द्वारा कुछ किया नहीं जाता है। और कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार करता है। जिससे कमचारियों की समस्या जस की तस बनी हुई है।जनवरी महीना मे सेवा समपुस्टि, वरीयता सूची का प्रकाशन, एसीपी का लाभ,सेवान्त लाभ का तुरंत भुगतान और बेतन भुगतान आदी का लाभ मिलना चाहिए पर तमाम तरह का लाभ की समस्या जस की तस पड़ी हुई है। बदले मे तमाम कार्यालय को तोड़ कर हाईटेक अपने आराम करने के लिए बनाया जा रहा है।जहाँ जिलाधिकारी सोयेंगे और आराम करेंगे।
जिलाधिकारी दस बजे दिन मे आएंगे और दस बजे रात तक जायेंगे। लेकिन यहाँ का कर्मचारी दस बजे अंगूठा लगाकर आएगा पर रात के दस बजे घर जायेगा की नहीं कहना मुश्किल है। इस बीच कर्मचारी के बच्चे और अन्य रिस्तेदार अपने पिता के इंतजार मे बैठे रहते है। पर कर्मचारी डर के मारे कुछ बोल नहीं पाता है। यह सिलसिला सन्डे से लेकर मंडे तक बना रहता है।सरकारी परिपत्र की जबाबदेही करना और कराना डीएम की जबाबदेही है। नियम कहता है की अधिकारी अपने कर्मचारी से सम्मानपूर्वक ब्यबहार करें पर कर्मचारी जब अपनी समस्या को लेकर मिलता है तो उसके साथ ठीक वयवहार नहीं किया जाता है। सरकार का परिपत्र है दस से पांच तक ड्यूटी करना। बिशेष दिनों मे अगर ड्यूटी लिया जाता है तो नियम है अल्पाहार और मानदेय का भुगतान अतिरिक्त करना पड़ेगा पर ऐसा नहीं किया जाता है। यहाँ से अंग्रेज चले गए अंग्रेजीयत बांकी है।
डीएनबी भारत डेस्क