डीएनबी भारत डेस्क
अपना खून जलाकर दिन-रात कठिन मेहनत से पशुपालन कर अमृत तुल्य दूध के रूप में दौलत पैदा करने वाला दूध उत्पादक किसान आज कंगाल है। हमारा डेयरी घाटे में है। बरौनी डेयरी प्रबंधन और ठीकेदार मालामाल है। जबकि किसान फटेहाल है। कमरतोड़़ मेहनत कर किसान दौलत पैदा करता है। परन्तु वह दौलत ना तो किसानों की जेब में जाता है, ना ही बरौनी डेयरी के खॅंजाने में जाता है। बीच में ही भ्रष्ट पदाधिकारी और उनके आदमी मिलकर बांट लेते हैं। अंग्रेजों की तरह दमन और दहशत पैदा कर बरौनी डेयरी प्रबंधन द्वारा समितियों के बीच डर, भय, दहशत का आतंक पैदा कर दिया है।

जाति और पार्टी के नाम पर फूट डालो राज करो की नीति के तहत किसानों के बीच अपने स्टाफ और बिचौलिए के द्वारा कुप्रचार और दुष्प्रचार फैलाकर हमें एकजूट नहीं होने देते हैं। शिक्षकगण विभिन्न पार्टियों में रहने के बावजूद अपने हक की लड़ाई में एकजुट होकर लड़ते हैं और अपनी हक को हासिल करते हैं। अपनी मांगों को मानने के लिए सरकार को मजबूर करते हैं। उसी प्रकार हमें भी संगठित होकर अपनी मांगों को हासिल करने के लिए आज संकल्प लेने की जरूरत है। अपनी हकमरी के खिलाफ जाति और पार्टी से ऊपर उठकर हम एकजूट होकर संघर्ष करें।यही वक्त की मांग है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हमें आज आह्वान करना चाहिए कि निकलो घर मकानों से, जंग लड़ो बेईमानों से ।
उक्त बातें किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कही। कन्वेंशन की अध्यक्षता बरौनी डेयरी के पूर्व अध्यक्ष मोहन मुरारी सिंह ने की,जबकि मंच संचालन किसान सभा के जिला सचिव दिनेश सिंह ने की। कन्वेंशन को संबोधित करते हुए निदेशक मंडल के सदस्य दीपक कुमार ने विस्तार से प्रबंध निदेशक बरौनी डेयरी के भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि विगत 3 साल से बरौनी डेयरी में आम सभा नहीं किया गया। विधिवत ऑडिट नहीं हुआ है। बोर्ड की बैठक के बगैर प्रबंध निदेशक सारे फैसले लेकर पूरे डेयरी में लूट मचाए हुए हैं। विधानसभा और विधान परिषद में भी सवाल उठाए गए।मगर सरकार के मंत्री ने सदन में गलत बयान देकर लोगों को बरगलाने की कोशिश की। इसलिए किसानों के सामने आंदोलन के सिवा बरौनी डेयरी को बचाने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
बरौनी डेयरी से जुड़े हुए कुछ सचिव और अध्यक्ष तथा बोर्ड के सदस्यों को खुश कर बरौनी डेयरी को बंद करने नहीं देंगे, बल्कि इससे जुड़ें हुए दो लाख किसानों को जगाएंगे और उन्हें संगठित कर संघर्ष के रास्ते आगे बढेगे। कन्वेंशन को किसान नेता सनातन सिंह,विवेकानंद चौधरी रामविलास महतो,राजकुमार राय,रामाधार राय,संजय कुमार, शंभू कुमार, चंद्रदेव महतो,राजीव चौधरी,रवि कुमार, राजकुमार यादव,संजय कुमार चौधरी,चिंटू कुमार,राजीव कुमार,नीलम देवी,संजय कुमार,निरंजन कुमार ईश्वर के अलावे बेगूसराय कोऑपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य रामनरेश महतो,पैक्स अध्यक्ष सरोज कुमार,शंकर कुमार,शंकर कुमार ईश्वर आदि ने कन्वेंशन को संबोधित किया।समापन भाषण बरौनी शीत गृह के अध्यक्ष भोला सिंह ने की।
अंत में 25 सदस्ययी संचालन समिति का गठन किया गया।जिसके पांच संयोजक बनाए गए। संघर्ष को तेज करने के लिए बरौनी जॉन से जुड़े हुए सभी प्रखंडों की अलग-अलग बैठक करने का प्रस्ताव लिया गया,साथ ही इसी प्रकार बरौनी डेयरी से जुड़े हुए 6 अन्य जोन की भी बैठक करने का निर्णय लिया गया। किसानों के बीच प्रचार हेतु 50000 पर्चा छपाया गया है।
डीएनबी भारत डेस्क