श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है – माधवाचार्य जी महराज 

DNB Bharat Desk

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श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है उसके कई जन्मो के पापों का नाश हो जाता है। मनुष्य निष्पाप हो जाता है और मृत्योपरांत उन्हे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उक्त बाते प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर तीन पंचायत के मुरलीटोल गांव स्थित हनुमान मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को वृंदावन से पधारे कथा वाचक माधवाचार्य जी महराज ने कथा के दौरान कहा। उन्होंने श्री भगवान विष्णु के बावन अवतार के प्रसंग सुनाते हुए उनके बारे में विस्तार बताया। 

श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है - माधवाचार्य जी महराज  2उन्होंने साधु,राजा,महिला, पुरूष,पिता पुत्र,माता, पुत्री के कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत देश धर्म प्रधान देश है। यहां सभी धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं। सनातन धर्म के चार नियम है, आस्था, दया, सत्य और क्षमा इसके अतिरिक्त सनातन धर्म के पालन करते समय पूजा, जप, तप, दान, अहिंसा और यम को ध्यान में रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में पति पत्नी का संबंध सात जन्मों का बताया गया है। जो महिला धर्मपरायण होती है, उनके लिए पति परमेश्वर के समान होता है। वैसे महिलाओं के लिए अपने पति के चरणों में चारों धाम होते हैं। उसके परिवार में कभी अकाल मृत व धन पुत्र की कमी नहीं होता है। 

श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है - माधवाचार्य जी महराज  3उन्होने कहा कि जिस प्रकार एक छात्र परीक्षा में सफल प्राप्त करने के लिए मेहनत करते हुए रात दिन पढ़ाई करता है। जो छात्र अपना लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करता है उसे सफलता के साथ साथ लक्ष्य की प्राप्ति होती है। लेकिन जो पढ़ने का दिखावा करता है वैसे छात्रों को असफलता ही मिलता है। ठिक उसी प्रकार भगवान को प्राप्त करने के लिए मनुष्य को अपने दिल से इर्ष्या,द्वेष, लोभ,मोह का त्याग करना पड़ता है,ईश्वर को प्राप्त करने के लिए उनके प्रति सच्ची निष्ठा के साथ साथ आस्था रखते हुए हमेशा लोक कल्याण की भावना से काम करना है, उन्हें ईश्वर की कृपा प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के लिए माता पिता व गुरू की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नही है। 

जो अपने माता पिता व गुरू को आर्दश मानकर चलते हैं,उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होता है। कथा के बीच-बीच में भक्ति भाव से किये गये भजन कीर्तन से आये श्रोता झुमते रहे। कथा के दौरान श्रोताओं की काफी भीड़ देखी गयी।  महिला पुरुष श्रद्धालुओ ने कथा समाप्ति के उपरांत आरती के बाद अपने अपने घर के लिए प्रस्थान किए। मौके पर नव युवक दुर्गापूजा समिति मुरलीटोल के सदस्य मनोज कुमार चौधरी, सुजीत कुमार, विट्टु पोद्धार,गणेश पंडित, दीपक कुमार, वंदन पोद्दार, शिव योगेन्द्र पंडित, सुभम कुमार, आषुतोष कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में महिला पुरूष उपस्थित थे।

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