मृतभूवन पर जन्म लेना और मरना सत्य है,अर्थात हरि भक्ति में लीन हो जाए – माध्वाचार्य जी महाराज

DNB Bharat Desk

- Sponsored Ads-

बरौनी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पिपरा देवस में बृहस्पतिवार को कथा सुनने को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ परी। कथावाचक माध्वाचार्य जी महाराज तृतीय दिवसीय की कथा में प्रवेश करते हुए उन्होंने बताया कि मृतभूवन में जन्म लेना और ही मरना सत्य है। अर्थात हम सब को हरी भजन में लीन हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा दिन सात ही होते हैं इन्हीं 7 दिन में ही किसी न किसी दिन मरना ही है ,तो क्या करना चाहिए।

आगे उन्होंने बताएं की जिसे 7 दिन में मरना हो उसे नींद कम लेना चाहिए ,अपने लक्ष्य की ओर ध्यान दें अपने इंद्रियों पर काबू रखें और आसान को जीते तभी कल्याण होगा इस प्रकार कथा विस्तार  करते हुए श्रेष्ठ बने । मां और ईश्वर में जीवन मां को समर्पण कर दें ।द्रौपदी चरित्र, कदम देवहूति संवाद, ध्रुव चरित्र तक कथा सुनाएं अर्थात ध्रुव जी बाल अवस्था से ही भगवान मैं लगे थे ,तो भगवान की प्राप्ति हुई। इसलिए हम लोगों को बचपन से ही भक्ति करना आवश्यक है। तब धीरे-धीरे मन पवित्र होगा, एवं पवित्रता में ही ईश्वर का वास होता है।

मृतभूवन पर जन्म लेना और मरना सत्य है,अर्थात हरि भक्ति में लीन हो जाए - माध्वाचार्य जी महाराज 2

इस श्रीमद् भागवत कथा से समस्त पिपरा देवस में राधे राधे का भक्तिमय हो गया । मौके पर अंकुश कुमार  कुमार, रणधीर कुमार ,अतुल कुमार ,आलोक कुमार अनुराग कुमार प्रियांशु कुमार धीराज कुमार अमन कुमार राम उदित राय विश्वनाथ राय सुबोध राय एवं हाजीपुर, पिपरा देवस ,मालती , असुरारी , हवासपूर,ठकूरीचक सहित आस-पास के सभी ग्रामीण एवं श्रोता ने कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य धान्य किया।

Share This Article