बेगूसराय में जिन्दा होने के शक मे श्मशान से शव लेकर पहुचा अस्पताल 

DNB BHARAT DESK

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बेगूसराय मे एक अजीबोगरीब वाकया सामने जहाँ एक मुर्दा के जिंदा होने के शक पर लोग मुर्दा को शमशान से लेकर भागे भागे इलाज के लिए सदर अस्पताल  पहुँच गए। लेकिन बदकिस्मती यह रही की डॉक्टर ने फिर से उसे मुर्दा घोषित कर दिया। जिसके बाद परिवार के लोगो मे लौटी ख़ुशी चीख पुकार मे तब्दील हो गई। घटना तेघरा थाना क्षेत्र के हरिहर पुर गावं की है। बताते चले की यह स्नेक बाईट से जुडा मामला है जिसमे परिवार के लोगो की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

इस घटना मे परिवार के लड़के के समुचित इलाज के बदले पुरे दिन झाड़फुक और झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर मे अपना बक्त जाया कर दिया। बताते चले की मृतक को मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे सांप ने काटा था। जिसके बाद परिवार के लोगो ने युवक को स्नेक बाईट की इलाज के लिए सदर अस्पताल के बदले स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर और झाड़फूक के चककर मे युवक की जान ले ली। युवक की पहचान तेघरा थाना क्षेत्र के हरिहर पुर गावं के रहने वाले रंजीत राम के लगभग पंद्रह वर्षीय पुत्र अमृत कुमार के रूप मे हुई। इस घटना मे युवक के मौत के शक पर परिवार के लोग दाह संस्कार के लिए शमशान ले जाने लगे।

बेगूसराय में जिन्दा होने के शक मे श्मशान से शव लेकर पहुचा अस्पताल  2तभी शमशान जाने के रास्ते मे ही युवक मे हलचल होने पर परिवार के लोग भागे भागे सदर अस्पताल पहुंचे। जहाँ डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस संबंध मे मृतक युवक के पिता ने बताया की मंगलवार की सुबह युवक द्वारा अपनी तबियत खराब  होने की बात बताई गई। परिवार के लोगो ने इसे सामान्य बात मान कर लड़के को लोकल डॉक्टर से इलाज कराने ले गए। बाद मे सांप काटने की बात सामने आने पर मंदिर मे झाड़ फूंक के लिए ले गए। तब तक युवक की जान चली गई। जिसके बाद युवक को दाह संस्कार के लिए ले जाया जाने लगा तभी रास्ते मे उसमे जान आ गई।

जिसके बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। इस संबंध मे सदर अस्पताल के चिकित्सक राहुल कुमार ने बताया की सुबह की  घटना मे युवक को शमशान से इलाज के लिए रात को नौ बजे सदर अस्पताल लाया गया। जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर ने संदेश देते हुए बताया की सभी सरकारी अस्पताल मे स्नेक बाईट की दबा मौजूद है बाबजूद लोग झोलाछाप डॉक्टर और झाड़ फूंक के चककर मे फंस जाते है। जिससे लोगो की मौत हो जाती है। स्नेक बाईट के मामले मे लोग मरीज को लेकर तुरंत सरकारी अस्पताल जाये जहाँ मरीज की जान बच सके।

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