बेगूसराय केवीके में आयोजित किसान मेला में पुरस्कार पाकर झूम उठे किसान

DNB BHARAT DESK

बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर में आयोजित किसान मेला में पुरस्कार पाकर किसान झूम उठे। इस मेला में लगे स्टाॅल पर किसानों ने अपने खेत के उत्पाद का प्रदर्श कर दर्शकों का मन मोह लिया। इस संबंध मेंं केंद्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक व प्रधान डॉ. राम पाल ने बताया कि मेला में जिला के प्रगतिशील किसान सहित लगभग एक हजार किसानों ने भाग लिया। मेला में किसानों ने कृषि उत्पाद संबंधी विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया। डॉक्टर रामपाल के द्वारा मेला में प्रदर्शनी लगाने वाले सभी किसानों को प्रशस्तिपत्र  दिया गया। इस मेला में लगे स्टाॅल पर किसानों ने अपने खेत के उत्पाद का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया।

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इस कार्यक्रम में 12 कृषि से जुड़ी कंपनियां, एनजीओ, सरकारी संस्थान और बैंक ने अपने स्टॉल प्रदर्शित किए। साथ ही 35 किसानों ने अपनी उगाई हुई सब्जियों और फलों की प्रदर्शनी भी लगाई। स्टॉल प्रदर्शनी प्रतियोगिता में आईटीसी बेगूसराय को प्रथम स्थान, प्रदान टीम बेगूसराय और तेघड़ा को संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान और उत्क्रमित मध्य विद्यालय दौलतपुर नवाटोलिया को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा विभिन्न फसल श्रेणियों में भी सर्वश्रेष्ठ किसानों को सम्मानित किया गया। आलू प्रतियोगिता में रामकुमार सिंह विक्रमपुर को प्रथम पुरस्कार, साबो देवी महतो रामपुर को द्वितीय स्थान, और पूनम देवी सकरौली को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। चुकंदर (बीट रूट) श्रेणी में प्रथम स्थान रंजन चौधरी ने हासिल किया।

बेगूसराय केवीके में आयोजित किसान मेला में पुरस्कार पाकर झूम उठे किसान 2राजकिशोर महतो मुसहरी को द्वितीय स्थान और रेशमा देवी सकरौली को तृतीय स्थान मिला। हल्दी प्रतियोगिता में महेंद्र प्रसाद वर्मा को प्रथम स्थान, जबकि संजीत कुमार वर्मा को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। काली हल्दी श्रेणी में रामध्यान महतो चकवा खोदावंदपुर को प्रथम स्थान और रंजन चौधरी मेघौल को द्वितीय स्थान मिला। पपीता श्रेणी में सुरेश सिंह, चक्का बछवाड़ा ने प्रथम स्थान और पवन पोद्दार चिरंजीवीपुर बछवाड़ा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉक्टर विपिन ने बताया कि मोटे अनाज पोषक तत्व से भरपूर व सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

उन्होंने मोटे अनाजों की उपयोगिता एवं इससे होने वाले फायदे पर विस्तृत जानकारी किसानों को दी। मेला में पोषण वाटिका, सब्जी बिचड़ा उत्पादन इकाई, पाली हाउस, निराश्रित पशु प्रबंधन मॉडल, बकरी पालन इकाई, प्राकृतिक खेती मॉडल, अजोला उत्पादन इकाई व जलवायु अनुकूल खेती प्रबंधन इकाई से किसानों को अवगत कराया गया। मौके पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. पाटिल, डॉ. विपिन सहित अनेक वैज्ञानिकों ने अपनी बातें कही।

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