बिना शर्त मुकदमा वापस नहीं हुआ तो आंदोलन तेज करेगा संघ
डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय: जिला पत्रकार संघ के दोनों संगठनों की संयुक्त बैठक स्वर्ण जयंती पुस्तकालय परिसर के निकट गुरुवार को हुई। जिसकी अध्यक्षता विनोद कर्ण ने की। चार दर्जन से अधिक पत्रकार ने इसमें भाग लिया।
बैठक में नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के ठीक तीन दिनों बाद बेगूसराय के पांच पत्रकारों पर मटिहानी बीडीओ अतुल प्रसाद के द्वारा साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर घोर आपत्ति व्यक्त करते हुए कड़े शब्दों में इसकी निंदा की गई। पत्रकारों ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जो कुछ कहा गया उसे ही खबर बनाया गया है। पत्रकारों ने अपनी ओर से कोई खबर नहीं बनाई है। ऐसे में पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कराया जाना एक तरह से प्रेस सेंसरशिप है। इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि एक सप्ताह के अंदर मुकदमा वापस नहीं हुआ तो जिला प्रशासन की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराने वाले मटिहानी प्रखंड के बीडीओ के खिलाफ में पत्रकार संगठन मटिहानी में मौन जुलूस निकाल कर अपना विरोध प्रकट करेगा और मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपेगा।संघर्ष समिति में पत्रकार विनोद कर्ण, पवन बंधु, विभूति भूषण, सुमित कुमार सिंह, प्रशांत कुमार, विजय कुमार, संतोष श्रीवास्तव धनंजय झा, राजेश कुमार, मो. खालिद, मनोज सहनी शामिल हैं।
बैठक में विभिन्न अखबारों के ब्यूरो चीफ व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया के पत्रकार उपस्थित रहे।
इधर पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री सह क्षेत्रीय सांसद गिरीराज सिंह से मिलकर पत्रकारों पर हुए मुकदमा की जानकारी देते हुए उनके समक्ष विरोध प्रकट किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तत्क्षण डीएम तुषार सिंघला में मोबाइल पर बात की और मुकदमा वापस लेने को कहा।
वही भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने शहर में आक्रोश मार्च निकालकर सीएम नीतीश कुमार का पुतला भी दहन किया है। पत्रकारों पर मुख्यमंत्री के वक्तव्य का प्रसार करने के विरोध में फर्जी मुकदमा के खिलाफ बयान जारी करते हुए पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री अवधेश कुमार राय, एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव अमीन हमजा, सीपीआई के राज्य परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी, जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पार्टी मांग करती है कि अविलंब बिना शर्त पत्रकारों पर किए गए मुकदमे को वापस किया जाए अन्यथा पत्रकारों के साथ आम नागरिकों के संवैधानिक मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए कम्युनिस्ट पार्टी अपने सभी जन संगठनों एवं अमन पसंद लोगों से अपील करेगी कि वह पत्रकारों के सम्मान एवं भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए प्रशासन पर नैतिक दबाव डालें।
डीएनबी भारत डेस्क





