डीएनबी भारत डेस्क
खगड़िया के टाउन हॉल में संविधान बचाने और सामाजिक न्याय हासिल करने के सवाल पर आयोजित संवाद को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित करते हुए डीयू के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर और चर्चित किताब ‘प्रोफेसर की डायरी’ के लेखक डॉ.लक्ष्मण यादव ने कहा कि संविधान ने सदियों से सताये-दबाये लोगों के लिए सम्मान,धन-धरती व राजपाट में हिस्सेदारी और बराबरी हासिल करने का रास्ता खोला.संविधान लागू होने के बाद संघर्षों व कुबार्नियों के बल पर जो हक-हिस्सा हासिल हुआ है,
मोदी सरकार उसे छीन रही है.मोदी सरकार संविधान को कमजोर कर मनुविधान थोप रही है,अडानी-अंबानी जैसे कॉरपोरेटों की तिजौरी भर रही है.अध्यक्षीय संबोधन डॉ.संजय मांझी ने कहा कि मोदी सरकार नई शिक्षा नीति के जरिए बहुजनों को शिक्षा के अधिकार बेदखल करने की साजिश कर रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ.चंदन यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई सबका मुल्क-आधुनिक-लोकतांत्रिक व विकसित मुल्क बनाने की लड़ाई है.
सामाजिक न्याय के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों-धन,धरती और राजपाट में आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी की गारंटी करनी होगी. राजद जिलाध्यक्ष मनोहर यादव ने कहा कि महात्मा फुले-डॉ.अंबेडकर जैसे नायकों के सम्मान और सपनों के लिए संविधान बचाने की लड़ाई लड़नी होगी.संविधान बचाने की पहली जरूरत है,सत्ता और समाज से भाजपा-आरएसएस को बेदखल करना होगा.
खगड़िया संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट