परिजनों की आशंका :- गोली मारकर हुई थी जिला परिषद की हत्या लेकिन सड़क दुर्घटना का मामला बनाया
डीएनबी भारत डेस्क
जिला परिषद सदस्य शिवचंद्र महतो की मौत की घटना में आए नये मोड़ के बाद पूरे प्रशासनिक महकमा में जहां खलबली मची हुई है तो वहीं पुलिस विभाग से लेकर बेगूसराय की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में है। पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्य शैली की वजह से अब कई सवाल उठ रहे हैं। क्या बेगूसराय की पुलिस हत्या के मामले को भी एक्सीडेंट का रूप देने में जुटी हुई है,या फिर पुलिस अपनी साख बचाने के लिए हत्या जैसे मामले को भी नया मोड़ दे रही है। वहीं स्वास्थ्य महकमा भी सवालों के घेरे में है क्योंकि पोस्टमार्टम में बुलेट इंजूरी की बात नहीं बताई गई थी। लेकिन जब परिजनों के द्वारा देखा गया तो मृतक शिवचंद्र महतो के शरीर में सुराख मौजूद थे।
वहीं परिजनों की शिकायत के बाद शिवचंद्र महतो का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है । अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर पूरा माजरा क्या है । दरअसल शुक्रवार की शाम बेगूसराय जिले के जिला परिषद क्षेत्र संख्या 18 के जिला परिषद सदस्य शिवचंद्र महतो का शव तेघड़ा थाना क्षेत्र के पीढौली कुश्ती ढाला के समीप बरामद किया गया था । पुलिस के अनुसार बताया गया कि जब शिवचंद्र महतो अपनी बाइक से वापस लौट रहे थे उसी क्रम में किसी बड़ी वाहन की चपेट में आने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हुई थी। आनन फानन में स्थानीय लोगों के द्वारा उन्हें तेघरा अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद ही उन्हें मृत घोषित कर दिया था ।
परिजनों के द्वारा जब शव को बरामद कर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया और जब चिता पर शिवचंद्र महतो के शव को लिटाया गया उसी वक्त परिजनों ने देखा कि उनके शरीर पर कई सुराग मौजूद थे। तत्पश्चात परिजनों के द्वारा हंगामा शुरू किया गया एवं फुलवरिया थाना क्षेत्र के बागराहा डीह के समीप एनएच 28 को जामकर प्रदर्शन भी किया गया। परिजनों के हंगामा के बाद भी बाद पुलिस हरकत में आई और लोगों को समझा बूझकर किसी तरह जाम को खाली करवाया एवं दोबारा पोस्टमार्टम का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। वहीं अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कहा जा रहा है कि बेगूसराय में पोस्टमार्टम हो चुका है अब इनके बेहतर पोस्टमार्टम के लिए फोरेंसिक टीम की देखरेख में कहीं अन्यत्र पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
जिसको लेकर एक बार फिर परिजनों में आक्रोश है। वही उक्त घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं, मसलन अगर तेघड़ा अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्र में जब शिवचंद्र महतो की जांच की जा रही थी क्या उस वक्त डॉक्टर ने शिवचंद्र महतो के शव में बुलेट इंजरी की पुष्टि क्यों नहीं की गई। वही जब सदर अस्पताल में शिवचंद्र महतो का पोस्टमार्टम कराया गया तो आखिर चिकित्सकों के द्वारा वहां भी बुलेट इंजूरी की बात क्यों नहीं बताई गई। जबकि नियमतः पोस्टमार्टम में पूरे शरीर का अंतह परीक्षण किया जाता है। क्या बेगूसराय सदर अस्पताल में सुयोग्य चिकित्सक नहीं है ऐसे कई सवाल अब लोगों के द्वारा उठाए जा रहे हैं। वहीं पुलिस महकमा पर भी यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर हत्या जैसे मामले को पुलिस हादसे का रूप देने में क्यों जुटी हुई है।
क्या पुलिस सिर्फ अपनी नाक बचाने के लिए बड़े मामलों में भी फेर बदल कर रही है। पूरा मामला सामने आने के बाद अब परिजनों के साथ-साथ राजनीतिक दल के लोगों के द्वारा भी पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की निंदा की जा रही है एवं तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर उक्त मामले का उद्वेदन कर पुलिस अपनी साख बचाने में कामयाब हो पाती है या फिर पुराने मामलों की तरह इसमें भी सिर्फ लीपापोती ही की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार शिवचंद्र महतो पूर्व में जदयू के सक्रिय सदस्य थे लेकिन पिछले 6 महीने पूर्व उन्होंने जन स्वराज पार्टी को ज्वाइन किया था एवं आने वाले विधानसभा चुनाव में विधायक के टिकट के लिए भी प्रयासरत थे।
डीएनबी भारत डेस्क