बेगूसराय में न्यायाधीश मंजूश्री ने पेश किया मिसाल, अखवार मे मरीज के बारे मे पढ़ी और सीधे पहुंची गई अस्पताल, जज साहब की हो रही है खूब तारीफ

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय में न्यायाधीश मंजूश्री का चर्चा लोगों के बीच काफी देखने को मिल रहा है जहां न्यायाधीश मंजू श्री ने एक अपना नया मिसाल पेश की है जहां कई दिनों से बेगूसराय के सदर अस्पताल में मरीज जिंदगी और मौत से लड़ रहा हैं। उस मरीज से मिलने के लिए न्यायाधीश मंजू श्री सदर अस्पताल पहुंचकर मरीज का हाल-चाल जाना। और मरीज को बेहतर इलाज करने का सिविल सर्जन को आदेश दिया। आपको बताते चले कि बेगूसराय के सदर अस्पताल में एक मरीज ब्लड की काफी कमी के कारण जीवन -मौत से जूझ रहा है। वह सदर अस्पताल के आईसीयू में विजय कुमार नामक युवक भर्ती है।

और  युवक के शरीर में खून की काफी कमी है। इसकी जानकारी जैसे ही न्यायाधीश मंजू श्री को मिली आनन फानन में सदर अस्पताल पहुंचकर युवक से मुलाकात कर सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार को बेहतर इलाज करने का आदेश दिया है।आदेश का पालन करते हुए सदर अस्पताल के प्रबंधक के द्वारा सदर अस्पताल की ओर से दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था की गई है। यह निर्देश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अवर न्यायधीश ( वरीय कोटी) सह सचिव मंजु श्री कुमारी ने सदर अस्पताल में सीएस को दिए थे। उसके बाद सदर अस्पताल हरकत में आई थी। वे आईसीयू में भर्ती विजय कुमार को देखने पहुंची थी। अवर न्यायधीश ने कहा कि अखबार में प्रकाशित खबर विजय कुमार नाम का एक व्यक्ति सदर असतपाल में भर्ती है। उसके शरीर में खून की काफी कम मात्रा में (2.5 ग्राम) होमोग्लोबीन है।

उसके बाद वह खुद सदर अस्पताल पहुंची। ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. पूनम सिंह के साथ आईसीयू पहुंचकर मरीज का उस समय हालचाल जाना। इस दौरान चिकित्सक डॉ. हरिगोविंद मरीज का इलाज कर रहे थे। उसके बाद अवर न्यायधीश ने सीएस को निर्देश दिया  कि उन्हें हर हाल में ब्लड चढ़ाने की व्यवस्था हो।उसके बाद अस्पताल प्रबंधन मरीज को दो यूनिट ब्लड चढ़ाने की तैयारी में जुट गया है। बता दें कि जिंदगी की जंग लड़ रहा है विजय को देखने के लिए डीएलएसए के सचिव सह अवर न्यायाधीश सदर अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली। इसके बाद न्यायाधीश मंजूश्री का चर्चा चारों तरफ है।परिजन द्वारा बताया गया कि एक साल पहले हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर खून के सौदागरों ने स्टेशन से बाहर ले गया व उनके शरीर से खून निकाल लिया।

उसके बाद वह किसी वजह से बीमार पड़ गया तो जानलेवा बनता गया ।आज वह आईसीयू में जीवन मौत से जूझ रहा है। सीएस को कहा गया है कि बेहतर इलाज हो ताकि वह जल्द स्वस्थ हो सके। इस काम के लिए पीएलवी हरेराम दास ने भी सक्रिय होकर सहयोग किया।इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ. हरिगोविंद ने बताया कि शौच से खून आने की शिकायतपर आईसीयू में भर्ती किया गया था। इलाज के बाद काफी सुधार हुआ है।जिस समय आया था उस समय उसके शरीर में मात्र 2.5 ग्राम ही हीमोग्लोबीन था।

डीएनबी भारत डेस्क

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