समस्तीपुर: जिला परिषद उपाध्यक्ष की कुर्सी गई, अविश्वास के पक्ष में 38 व विरोध में 10 मत पड़े, पिछले दिनों सदस्यों ने लगाया था अविश्वास

DNB Bharat Desk

 

डीएनबी भारत डेस्क
समस्तीपुर जिला परिषद की उपाध्यक्ष अंजना राय की कुर्सी चली गई। कलेक्ट्रेट में अविश्वास को लेकर बहस और मतदान का आयोजन किया गया। डीएम योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जिप की बैठक शुरू हुई। बैठक में पहले अविश्वास पर चर्चा की गई फिर मत कराया गया।

समस्तीपुर: जिला परिषद उपाध्यक्ष की कुर्सी गई, अविश्वास के पक्ष में 38 व विरोध में 10 मत पड़े, पिछले दिनों सदस्यों ने लगाया था अविश्वास 2 अविश्वास के पक्ष में 38 जबकि विरोध में 10 लोगों ने मतदान किया। इसके साथ ही अंजना राय की कुर्सी चली गई। अब जिला परिषद उपाध्यक्ष के लिए नए सिरे से मतदान कराया जाएगा। अभी इसके लिए तिथि का निर्धारण नहीं हुआ है।बता दें कि पिछले दिनों जिला परिषद सदस्यों ने जिला परिषद अध्यक्ष के यहां आवेदन देते हुए उपाध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव लगाया था।

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समस्तीपुर: जिला परिषद उपाध्यक्ष की कुर्सी गई, अविश्वास के पक्ष में 38 व विरोध में 10 मत पड़े, पिछले दिनों सदस्यों ने लगाया था अविश्वास 3आरोप लगाया गया था कि अंजना राय कार्यालय नहीं आतीं, विकास कार्यों में भी रुचि नहीं लेती है। इसके बाद इसको लेकर मतदान का आयोजन कलेक्ट्रेट में किया गया था। चुनाव को देखते हुए सुरक्षा के भी करें इंतजाम किए गए थे।अंजना राय की कुर्सी जाते ही अब समस्तीपुर जिला परिषद के नए उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है।

समस्तीपुर: जिला परिषद उपाध्यक्ष की कुर्सी गई, अविश्वास के पक्ष में 38 व विरोध में 10 मत पड़े, पिछले दिनों सदस्यों ने लगाया था अविश्वास 4इस चुनाव में जदयू और भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्यों की गोलबंदी देखी गई। जिससे माना जा रहा है कि जब जिला परिषद उपाध्यक्ष के लिए चुनाव होगा तो इसी गठबंधन के लोग का दबदबा रहेगा। क्योंकि अंजना राय राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष की पत्नी थी। और जिस समय जिला परिषद का यहां गठन हुआ था बिहार में महागठबंधन की सरकार थी।

समस्तीपुर: जिला परिषद उपाध्यक्ष की कुर्सी गई, अविश्वास के पक्ष में 38 व विरोध में 10 मत पड़े, पिछले दिनों सदस्यों ने लगाया था अविश्वास 5इस सरकार के जाने के साथ ही जिला परिषद में भी सर गर्मी तेज हो गई थी। जिला परिषद उपाध्यक्ष के नए प्रबल दावेदारों में ठाकुर उदय शंकर माने जा रहे हैं। अंजना राय को भी पराजित करने में उन्हें अपनी अहम भूमिका निभाई है। जिला परिषद गठन के दौरान भी उन्होंने उपाध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी हालांकि उन्हें उस समय सफलता नहीं मिली थी।

समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट

 

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