बीपीएससी परीक्षा के दौरान बथौली से एक मुन्ना भाई गिरफ्तार, बेफ्रिक होकर परीक्षा केंद्र पर दे रहा था परीक्षा
बीपीएससी की कदाचार मुक्त परीक्षा सम्पन्न कराने की दावा खोखला हो रहा है साबित
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के बरौनी थाना क्षेत्र अंतर्गत दो परीक्षा केंद्र उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय असुरारी में बीपीएससी टी आर ई 3.0 की परीक्षा संचालित थी। जिसमें परीक्षा के भाषा, सामान्य अध्ययन और सामाजिक विज्ञान का परीक्षा दो परीक्षा केंद्रों पर था। यह परीक्षा 150 अंक का था। परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली में एक फेक परीक्षार्थी को चिन्हित किया गया।जिसे सुचना पाते ही बरौनी थाना पुलिस ने त्वरित कारवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर हिरासत में ले कर पुछताछ शुरू कर दिया।
परीक्षा केंद्र उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली में रविवार को बीपीएससी परीक्षा टीआरई 3.0 की परीक्षा में रोल नम्बर- 899884 परीक्षार्थी का नाम -राजीव कुमार, पिता -इंद्रदेव साह, ग्राम+ थाना – बेलदौर, जिला – खगड़िया के स्थान पर फेक परीक्षार्थी मुन्ना भाई उसी जिले के अलौली थाना क्षेत्र अंतर्गत सहसी हरिपुर गांव निवासी भारत भूषण सिंह का पुत्र ऋषभ आदित्य नाम का परीक्षार्थी परीक्षा के सभी मानक और माप दण्डों पर खड़ा उतरते हुए पहले तो परीक्षा केंद्र उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली में प्रवेश किया। फिर परीक्षा केंद्र में निर्धारित कक्षों में प्रवेश कर निर्भीक होकर परीक्षा दे रहा था।
जानकारी अनुसार परीक्षा सम्पन्न होने से ठीक कुछ देर पहले कन्ट्रोल रूम से केंद्राधीक्षक सह प्रधानाध्यापक उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली ललन प्रसाद सिंह के पुत्र आलोक कुमार को कंट्रोल रूम पटना से फोन आया कि आपके परीक्षा केंद्र पर रोल नम्बर-899884 परीक्षार्थी राजीव कुमार के स्थान पर फेक परीक्षार्थी परीक्षा दे रहा है। इसे गम्भीरता पूर्वक लेते हुए गहनता से जांच कर कारवाई करें। जिसके बाद से परीक्षा केंद्र बथौली में हड़कंप मच गई। केंद्राधीक्षक सह प्रधानाध्यापक आलोक कुमार के हाथ-पांव फुलने लगे की आगे क्या होगा। जिसकी सम्भावना कन्ट्रोल रूम पटना द्वारा जताई गई थी। जांच में वह सही निकला और वह परीक्षार्थी राजीव कुमार नहीं बल्कि ऋषभ आदित्य था।
प्रथम दृष्टया पुलिसिया पुछताछ में फेक परीक्षार्थी ऋषभ आदित्य ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है और इससे संदर्भित जानकारी पुलिस को दिया है।उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली पर 792 परीक्षार्थी एवं उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय असुरारी में 996 परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। जहां उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली में 792 परीक्षार्थी में 725 परीक्षार्थी शामिल हुए और शेष 67 परीक्षार्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे। वहीं दूसरी ओर उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय असुरारी में 996 परिक्षार्थियों में 887 परीक्षार्थी उपस्थित हुए और 109 परीक्षार्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष बरौनी रजनीश कुमार ने बताया कि मामले की सूचना पर उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथौली के प्रधानाध्यापक आलोक कुमार द्वारा दिया गया। जिसके बाद त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने फेक परीक्षार्थी ऋषभ आदित्य को विद्यालय परिसर से हिरासत में ले कर पुछताछ शुरू कर दिया है। मामले में केंद्राधीक्षक सह प्रधानाध्यापक उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बथौली ललन प्रसाद सिंह के 42 वर्षीय पुत्र आलोक कुमार के द्वारा दिए गए आवेदन, जब्त प्रदर्श के आधार पर बीएनएस,2023 के धारा 318(4)/319 में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दिया गया है।
साथ ही सही परीक्षार्थी की नाम-पता पुलिस को मिल गई है। जिसके आधार पर अग्रेत्तर कारवाई की जा रही है। फेक परीक्षार्थी ऋषभ आदित्य के पास से प्रवेश पत्र, प्रश्न पत्र और फेक आधार कार्ड तथा फोटो जब्त कर लिया गया है। वहीं बिहार संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा संचालित बीपीएससी की कदाचार मुक्त टीआरई 3.0 परीक्षा सम्पन्न कराने की दावा इन दिनों पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है। बताते चलें कि जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा से संदर्भित सभी निर्देशों को दर्शाया जाता है। जिसके आलोक में जिला प्रशासन संयुक्त आदेश जारी करते हैं। तथा विभिन्न स्तरों पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर उन्हें ब्रीफिंग के दौरान निर्देशित किया जाता है।
ब्रीफिंग में सभी स्तर के दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, केन्द्राधीक्षकों, कैमरा मैन, थमब इम्प्रैशन की टीम सहित अन्य शामिल होते हैं। फिर भी इस तरह के परिक्षाओं में धड़ल्ले से से मुन्ना भाई पुलिस के हत्थे चढ़ रहा है। इसमें परीक्षा को संचालित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी,पुलिस पदाधिकारी,केंद्रों पर तैनात स्टेटिस्टिक्स मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी और केंद्राधीक्षकों का कोई खास योगदान नहीं होता है। वो तो सीधे परीक्षा नियंत्रण कक्ष से नजर बनाए रखते हुए फेक परीक्षार्थी पर संदेह व्यक्त करता है और वह परीक्षार्थी सही में मुन्ना भाई ही निकलता है।
जबकि परीक्षा केंद्रों पर केंद्रों में प्रवेश और कक्षाओं में प्रवेश से पूर्व पहचान, जांच और अत्याधुनिक तकनीक थमब इम्प्रैशन मशीनों से भी मिलाया जाता है। फिर भी सभी के आंखों में धूल झोंककर जांच प्रक्रिया को धत्ता बताते हुए फेक पहचान पत्र रखकर फेक परीक्षार्थी बेफिक्र होकर परीक्षा दे रहे होते हैं।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट