चैत मास की त्रासदी में बरौनी प्रखण्ड मुख्यालय स्थित जल मिनार से 15 दिनों से नहीं टपक रहा है एक बूंद भी पानी

 

संवेदक द्वारा बिजली बिल जमा नहीं करने से प्रखण्ड मुख्यालय में कटा पेयजल आपूर्ति का कनेक्शन

डीएनबी भारत डेस्क

चैत्र मास की त्रासदी में एक ओर जल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है तो दूसरी तरफ बरौनी प्रखण्ड मुख्यालय परिसर स्थित जल मीनार से विगत 15 दिनों से एक बूंद भी पानी नहीं टपका है। इससे बरौनी थाना एवं प्रखण्ड मुख्यालय के समीप स्थित लगभग 50 मांझी और 100 साह परिवार पर जल का संकट छा गया है। वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद बीहट क्षेत्र अन्तर्गत वार्ड संख्या -07 एवं 08 में पेयजल का आपूर्ति विगत 15 मार्च से बंद है।

जिससे आम तो आम बरौनी प्रखण्ड मुख्यालय परिसर, मनरेगा कार्यलय ,भवन बरौनी , बरौनी थाना आवासीय परिसर, समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौनी, प्रखण्ड कृषि कार्यालय, पीडीएस गोदाम, कौशल विकास केन्द्र, निर्वाचन कार्यालय, सहायक बंदोबस्त कार्यालय , आंगनबाड़ी केंद्र, बीआरसी भवन, समुदायिक शौचालय एवं अग्नि शमन केन्द्र बरौनी तथा असुरारी विद्यालय सहित कई प्रमुख संस्थानों के साथ साथ असुरारी गांव में उसी समय से पेयजलापूर्ति ठप हो गया है।

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अभी चैत मास की गर्मी तप ही रही है इधर पानी की आपूर्ति ठप हो जाने पर लोगों में संकट की घड़ी छा गई है।वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय वार्ड पार्षद सह वरिष्ठ जदयू नेता अशोक सिंह ने कहा कि जलापूर्ति शुरू नहीं हो रहा है जिससे जन में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों का शिकायत आ रहा है। पर स्थानीय पदाधिकारी इस तरफ़ कोई ध्यान नहीं दे रहें हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जल मीनार भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है यहां पर केवल एक ऑपरेटर सुरेन्द्र सिंह आते हैं और घड़ी देखकर चला देते हैं और बिजली कटते ही वह बन्द हो जाता था।

फिर वही आकर चला देते हैं। यहां वर्षों वर्ष में भी कोई झांकने तक नहीं आता है कि पानी चल रहा है या नहीं।या फिर किसी नोब में, पाईप लाईन में लिकेज भी है। अगर इस तरह की समस्याएं पैदा होती है तो लोगों में संवेदक और कनीय अभियंता के प्रति आक्रोश बढ़ता है। स्थल पर आने पर इस आक्रोश का सामना ऑपरेटर को ही करना पड़ता है और लोग उन्हें खड़ी खोटी सुना कर चले जाते हैं। वहीं इस समस्या को लेकर स्थानीय विधायक रामरतन सिंह की उपस्थिति में कई बार पंचायत समिति के बैठकों में भी उठ चुकी है।

आगे उन्होंने बताया कि बकाया बिजली बिलों को एक ओर पीएचडी के संबंधित संवेदक द्वारा जमा नहीं करने पर विधुत विभाग ने विगत दिनों बिजली सम्ब़ध विच्छेद कर दिया है। वहीं दूसरी ओर इस जल मीनार में ऑपरेटिंग का काम कर रहे सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि वह जनप्रतिनिधियों, आम जनों एवं पदाधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों सबों का सुनते हैं पर हमारा कोई सुनने वाला नहीं है। हम इस संबंध में वरीय पदाधिकारियों को सुचित कर दिए हैं।

हमारी ख़ुद की वर्षों से मानदेय नहीं दे पाया है तो वह बिजली बिल कहां से जमा कर पाया होगा। बिजली विभाग ने पहले ही हिदायत दे रखी थी। मार्च माह में क्लोजिंग ईयर होने पर जमा का दबाव बनाया गया पर जमा नहीं होने से बिजली विभाग द्वारा बिजली सम्ब़ध विच्छेद कर दिया गया है। जिससे विगत 15 मार्च से पेयजलापूर्ति बंद कर दिया गया है। बिजली सम्ब़ध जुटते के साथ ही पेयजल आपूर्ति शुरू कर दिया जाएगा।

वहीं इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता से सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया पर सम्पर्क नहीं हो पाने से उनका पक्ष नहीं जाना जा सका है।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

 

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