गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सिमरिया में स्नान के लिए पहुंचे लाखों श्रद्धालु, दिखा…
कार्तिक माह सत्य और न्याय का प्रतीक है- स्वामी चिदात्मन जी। कार्तिक पूर्णिमा में सिमरिया गंगा नदी तट पर स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़। भीड़ के मद्देनजर जिला प्रशासन सतर्क। भगतई का खुब हुआ खेल
डीएनबी भारत डेस्क
कार्तिक मास के पूर्णिमा को लेकर पतित पावनी सिमरिया गंगा नदी तट पर सोमवार की अहले शाम से ही गंगा स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटने लगी। गंगा नदी तट के मुख्य स्नान, नमामि गंगे स्नान घाट, पुल घाट, सीढ़ी घाट, रामघाट सहित विभिन्न स्नान घाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। गंगा स्नान के बाद पवित्र गंगा जल स्वच्छ पात्र में लेकर, गंगा नदी तट पर पूजा अर्चना के बाद अपने अपने घरों को लौट गए।
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर नेपाल, भूटान सुबे बिहार के बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, झंझारपुर, समस्तीपुर, लखीसराय, नवादा, शेखपुरा सहित अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान को आई। भीड़ को देखते हुए डीएम रोशन कुशवाहा एवं एसपी योगेन्द्र कुमार के निर्देश पर जगह जगह पर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व महिला व पुरुष पुलिस जवान तैनात दिखे। मेला क्षेत्र में करीब तीन सौ महिला व पुरुष पुलिस जवानों को तैनात किया गया। अहले सुबह से एनएच 31 सड़क से तीन मुहानी से गंगा नदी तट तक मुस्तैद रहे। एक भी चार पहिया वाहनों को गंगा नदी तट पर जाने की इजाजत नहीं दी गई। सभी वाहनों को पार्किंग में रखा गया। कई रास्तों पर वन वे ट्रैफिक व्यवस्था की गई ताकि भीड़ नहीं हो सके और लोग आराम से आ जा सकें।
एनएच 31 सड़क पर जगह जगह चौक चौराहों पर पुलिस बल ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे रही। जिस वजह से जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हुई है। खोया पाया केन्द्र पर अपनों से बिछड़े लोगों को मिलाने का काम किया जा रहा था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सदर एसडीओ रामानुज प्रसाद सिंह, डीएसपी मुख्यालय निशित प्रिया, सदर डीएसपी अमीत कुमार, आपदा प्रभारी निशांत कुमार, बरौनी सीओ सुजीत सुमन, चकिया ओपी प्रभारी दिवाकर प्रसाद सिंह पुलिस बल के साथ अहले सुबह से ट्रैफिक व्यवस्था एवं भीड़ को नियंत्रित करते रहे। जिस वजह से ना ही सड़क पर जाम लगा और ना ही गंगा तट पर। श्रद्धालु आराम से आए और गंगा स्नान करके अपने घरों को सुरक्षित लौट गए। वहीं अहले सुबह से नौ बजे तक गंगा नदी तट पर जबरदस्त भीड़ थी। उसके बाद भीड़ में कमी आई।
गोताखोर की भी थी व्यवस्था
सिमरिया गंगा नदी तट पर चार मोटर वोट पर एक दर्जन गोताखोर अनिल कुमार के नेतृत्व में सुनील कुमार, भरत कुमार, शत्रुघ्न, जाटों, अमर कुमार, मनीष कुमार, तेतो कुमार, अर्जुन कुमार, सीताराम कुमार, कृष्ण कुमार, सभापति सहित एसडीआरएफ की टीम के द्वारा गंगा नदी किनारे मोटर वोट से गश्त लगा रह थे ताकि कोई भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। गंगा नदी तट के सभी स्नान घाट पर बांस बल्ला से बैरिकेटिंग किया गया था। बैरिकेटिंग से बाहर स्नान करने वाले लोगों को रोका जा रहा था।
कार्तिक माह सत्य और न्याय का प्रतीक है- स्वामी चिदात्मन जी
वही सर्वमंगला आश्रम सिमरिया काली धाम में स्वामी चिदात्मन जी महाराज यज्ञ हवन के दौरान कार्तिक पूर्णिमा व कार्तिक महात्म्य एवं श्रीमद्भागवत कथा करते हुए कहा कि कार्तिक माह सत्य और न्याय का प्रतीक है। इस माह में तुला की संक्रांति जो सत्य और न्याय का प्रतीक है इस दिन सतयुग का प्राकट्य, धन्वंतरी महाराज अमृत लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन देव दीपावली मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा सारे मनोरथ को सिद्ध करने वाला है। पूर्णिमा का मतलब पूर्णता का प्रतीक है। जो व्यक्ति पूरा कार्तिक माह में गंगा स्नान नहीं करता है वो केवल पूर्णिमा में स्नान कर लेता है तो उन्हें कल्पवास मेला करने का फल प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा उन्हें पूरा वर्ष स्नान करने का फल प्राप्त होता है। सारे तीर्थो, सारे व्रतों के तप में जितना फल प्राप्त होता है, केवल कार्तिक पूर्णिमा में स्नान करने का फल प्राप्त होता है। स्वामी जी ने कहा कि अनादिकाल से सिमरिया धाम पर एक तरफ से पश्चिम वाहिनी गंगा तो एक तरफ से उत्तर वाहिनी गंगा आकर मिलती है। यह दिव्य स्थली है जहां गंगा गंगा का संगम है। साथ ही जागृत शमशान घाट है। उन्होंने कहा सिद्धाश्रम काली धाम में तीन दिवसीय अनुष्ठान किया जा रहा है। सोमवार को माता जगदम्बा मंदिर में पंडितों आचार्य के द्वारा स्वामी चिदात्मन जी की देखरेख में कृष्णाचार्य, मंगलवार को रामाचार्या, बुधवार को दुर्गाचार्या का अनुष्ठान मानव कल्याण, सनातन धर्म की रक्षा करने एवं विश्व कल्याण को लेकर की जा रही है।इस अवसर पर रविन्द्र ब्रह्मचारी जी, आचार्य नारायण झा सहित अन्य मौजूद थे।
भक्तों ने की भगतई
आज के वैज्ञानिक युग में जहां चांद पर चन्द्रयान तीन की लैंडिंग हो चुकी है। उसके बाद भी बिहार के मिथिलांचल के कई जिलों गांव एवं नेपाल के लोगों में आज भी अंधविश्वास जेहन में है। जिसको लेकर कार्तिक पूर्णिमा सहित अन्य विशेष दिनों में महिला, पुरुष, युवक भारी संख्या में भगतई करने अपने समर्थकों व फुलढरिया के साथ आकर सिमरिया गंगा नदी तट पर घंटों पूजा पाठ के दौरान भगतई करते हैं। भगत गंगा मैया से सतवन करते हैं। उसके बाद गंगा स्नान कर अपने आप में शक्ति समाहित कर अपने अपने घर को लौट जाते हैं और वहां पर सालों भर भगतई करते हुए मानव कल्याण में अपनी सहभागिता देते हैं। वही सीतामढ़ी, नेपाल, विराटनगर, दरभंगा सहित अन्य जिलों से आए विभिन्न भगतों की टोली अनिल दास ने बताया कि दस वर्ष से आते हैं मैया के तट पर स्नान कुल देवी देवता का स्नान कराते हुए अपने जगहों पर अक्षत तिल चढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि श्रृद्धा से जो कुछ भी गंगा मैया से मांगते हैं वो सभी मन्नतें अब तक पूरी हो जाती है। इस दौरान गुरु चन्द्रिका दास, रामप्रसाद, आह्लाद, प्रताप सहित अन्य ने बताया रात भर भजन कीर्तन सुबह देव स्नान कराकर घर को लौट गए।इस दौरान कई भगतों ने बैंत से भगतई का खेल किया।जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।
बरौनी, बेगूसराय से धर्मवीर कुमार