डीएनबी भारत डेस्क
वीरपुर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमध भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर मौजूद सेकरों कि संख्या में नर नारी झुम उठे।उस वक्त ऐसा लग रहा था कि वास्तव में भगवान श्रीकृष्ण का वीरपुर की धरा धाम पर अवतरण हुआ हो। अब बासुदेव और देवकी कारागार से मुक्त होंगे। पृथ्वी पर से कंस का आतंक समाप्त होने वाला है।

साधु,संत अब भगवान के नामों का जाप,यज्ञ अनुष्ठान आदि कर सकेंगे। वृंदावन से पधारे कथा वाचक वैदेही शरण,कथा वाचक रंजना दास जी महाराज के द्वारा हालमुनियम पर थीरकते सुरिली तान,साज पर अपनी अंगुलियों से मधुर थाप पर श्रोताओं को थिरकाते निलेश आनंद,कुंदना चार्य, राजीव रंजन, भगवान भारती, सचिन बाबा आदि सहयोगियों के द्वारा लय ताल ने नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हांथी घौरा पालकी जैसे लोक प्रिय भजन पर बरस हीं श्रधालु झुम उठे।
उक माहौल और प्रसंग के माध्यम से कथा वाचक वैदेही शरण जी ने प्रखंड वासियों से कहा, ताकत के अहंकार,धन वल की अहंकार,छल बल की अहंकार, पहुंच पैरवी की अहंकार मनुष्य को पत्न की ओर ले जाता है। जब की क्षमा दया, करूणा, ज्ञान, बुध्दि, विवेक,दान, धर्म,मदद मनुष्यों को उन्नति के साथ सद्गति और मौक्क्ष प्रदान कराती है। उन्होंने अपने कथा प्रवचन के दौरान लोगों से यह भी अपील करते हुए कहा मनुष्य जन्म अनमोल है। लोगों को चाहिए कि समाज में सभी तरह के लोग रहते हैं। उनसे भाई चारा बना कर रखें।
ताकि आफत बिपत आने पर लोग एक दूसरे को मद कर सकें। यही भगवान श्रीकृष्ण ने भी हम लोगों के लिए संदेश भी दिया है। मौके पर पूर्व मुखिया पंकज कुमार सिंह, रंजीत पंडित,टुन टुन पंडित,राम सेवक पंडित,विपत पंडित,मुसहरू पंडित,उप मुखिया मीनु देवी, डॉ राम आह्लाद राय, राम आधार राय,दया नंद झा समेत सेकरों लोग मौजूद थे।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट