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राष्ट्रकवि दिनकर उंचे भवनों के नहीं बल्कि उच्च भावनाओं के कवि- सच्चिदानंद पाठक | Desh News Bharat

राष्ट्रकवि दिनकर उंचे भवनों के नहीं बल्कि उच्च भावनाओं के कवि- सच्चिदानंद पाठक

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राष्ट्रकवि दिनकर के 115वीं जयंती समारोह के सातवें दिन गुरुवार को विवेकानंद साइंस क्लासेज, सिमरिया में हुआ साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन।

डीएनबी भारत डेस्क 

जब राजनीति की कुहेलिका हमें दिग्भ्रमित करती है, तब दिनकर की रचना हमें राह दिखलाती है। दिनकर शब्द को चेतना के शिखर पर ले जाकर हृदय से भावों की गंगा प्रवाहित करते हैं। दिनकर अपने आप में एक अर्थवान आस्था के कवि हैं। उक्त बातें राष्ट्रकवि दिनकर के 115वीं जयंती समारोह के सातवें दिन गुरुवार को विवेकानंद साइंस क्लासेज सिमरिया में लोकगायक सच्चिदानंद पाठक ने कही।

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उन्होंने कहा कि दिनकर की कविताओं में पीर का श्रृंगार है, तो आंसू के प्रीत का एहसास भी है। दिनकर ऊंचे भवनों के नहीं बल्कि उच्च भावनाओं के कवि हैं। दिनकर के काव्य में जो क्रोध की भाषा है, वह शोध के लिए है प्रतिशोध के लिए नहीं। दिनकर के ललकार में भी आनंद है, इसलिए दिनकर आनंद के भी कवि हैं। राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया के द्वारा आयोजित समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत प्राचार्य गजेंद्र झा एवं स्वागत भाषण पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने किया।

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समारोह को संबोधित करते हुए जिला पार्षद चंदन कुमार ने कहा कि दिनकर सिर्फ ओज और हुंकार के ही नहीं, बल्कि मनुष्य के अंतरमन के भी कवि हैं। दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह ने कहा कि दिनकर मैथिलीशरण के आदर्श, निराला के शौर्य और तुलसी की सरल भाषा से प्रभावित हैं। पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष बद्री प्रसाद राय ने कहा कि दिनकर मूलतः कृषक चेतना के कवि हैं। उन्होंने किसानों के दुख दर्द को महसूस किया और उसे अपनी रचनाओं में उतारा। वे हमारे प्रेरणा स्रोत हैं।

इस अवसर पर साहित्यकार श्यामनंदन निशाकर ने धूप और युवा कवि ए के मनीष ने ऐ लड़की शीर्षक कविता सुनाया। समारोह को पूर्व प्राचार्य विजय कुमार चौधरी, साहित्यकार बबलू दिव्यांशु, राजेंद्र राय नेताजी, ललन कुमार सिंह, कृष्णनंदन पिंकू ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन समिति के उपसचिव विनोद बिहारी और धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मणदेव कुमार ने किया।

समारोह की शुरुआत अज्ञात अतिथियों ने दिनकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात आगत अतिथियों को अंगवस्त्र व माला से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सुमित, आदर्श, अमन, किशोर, आयुष, अभय, शिवानी, दीपक, सुहानी, विष्णुकांत, कोमल आदि ने दिनकर की विभिन्न कविताओं का पाठ किया। मौके पर समिति के अध्यक्ष कृष्णकुमार शर्मा, मनीष कुमार, गुलशन कुमार, जितेंद्र झा, रामकुमार सहित अन्य ग्रामीण व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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