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दिनकर की समग्र रचना में प्रेम, श्रृंगार से लेकर ओज, हुंकार तक हर तरह की संवेदना का स्वर- अशांत भोला

DNB Bharat

राष्ट्रकवि दिनकर का 115वां जयंती समारोह के छठे दिन बुधवार को राष्ट्रकवि दिनकर स्मारक प्लस टू विद्यालय, सिमरिया में हुआ कार्यक्रम आयोजित।

डीएनबी भारत डेस्क 

राष्ट्रकवि के गांव में होने वाले दिनकर जयंती समारोह में सरकार की ओर से कोई मदद नहीं किया जाना और न ही सरकारी स्तर पर उनके गृह जिला बेगूसराय में कोई साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन करना और न ही सरकारी स्तर पर होने पर कार्यक्रम में आर्थिक सहयोग करना ग्लानि की बात है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

दिनकर की समग्र रचना में प्रेम, श्रृंगार से लेकर ओज, हुंकार तक हर तरह की संवेदना का स्वर- अशांत भोला 2

उक्त बातें राष्ट्रकवि दिनकर का 115वां जयंती समारोह के छठे दिन बुधवार को राष्ट्रकवि दिनकर स्मारक प्लस टू विद्यालय, सिमरिया में मुख्य अतिथि जनकवि अशांत भोला ने कही। उन्होंने कहा कि दिनकर की रचनाएं हमें भविष्य की राह दिखाती है। दिनकर की समग्र रचना में प्रेम–श्रृंगार से लेकर ओज–हुंकार तक हर तरह की संवेदना का स्वर है। दिनकर की रचनाएं आज देश के ही नहीं विदेश के विश्वविद्यालय में भी पढ़ाए जाने लगे हैं।

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दिनकर की समग्र रचना में प्रेम, श्रृंगार से लेकर ओज, हुंकार तक हर तरह की संवेदना का स्वर- अशांत भोला 3

राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति, सिमरिया के द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त प्राचार्य विजय कुमार चौधरी और स्वागत भाषण विद्यालय के प्रधान कुलदीप यादव ने किया। छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए संस्कृति कर्मी पत्रकार डॉ कुंदन कुमार ने कहा कि जीवन में कुछ बनने के लिए दिनकर से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

दिनकर उच्च विद्यालय को एक आदर्श विद्यालय बनाने के लिए विद्यालय के शिक्षकों के साथ-साथ यहां के विद्यार्थियों को भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। सभा को संबोधित करते हुए भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि दिनकर अपनी लेखनी में हर जगह जनता के आंदोलन के साथ हैं। उन्होंने जयप्रकाश के नेतृत्व में हुए आंदोलन का भी समर्थन किया था।

साहित्यकार ललन लालित्य ने कहा कि सिमरिया की छवि बदलने में दिनकर साहित्य और दिनकर जयंती समारोह का अहम योगदान है। कवयित्री प्रभा कुमारी ने कहा कि दिनकर सूर्य के समान दैदीप्यमान हैं। सभा को नौला विकास मंच के ललन कुमार सिंह, इतिहासकार डॉ संजय भारद्वाज, समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, बद्री प्रसाद राय, कृष्णनंदन पिंकू, बबलू दिव्यांशु, विनोद बिहारी आदि ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर कवि संजय कुमार और चितरंजन कुमार ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मणदेव कुमार और धन्यवाद ज्ञापन रामनाथ सिंह ने किया। समारोह की शुरुआत आगत अतिथियों ने दिनकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात विद्यालय की छात्रा पायल, खुशी, सुप्रिया, श्रेया, साक्षी और रिमझिम ने अतिथियों के स्वागत में गीत प्रस्तुत किया।

आयोजन के प्रथम सत्र में अमृत राज, अंकित, रमन, आर्यन, दिव्यांशु, निशु, प्रीति, सोनाली, साक्षिता, सुमन, रूपाली, धर्मवीर, शिवम आदि दर्जनों विद्यार्थियों ने दिनकर की विभिन्न कविताओं का पाठ किया। मौके पर विश्वंभर सिंह, राजेंद्र राय नेताजी, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी, मनीष कुमार, प्रदीप कुमार, अमरदीप सुमन, गुलशन कुमार, ललन कुमार सिंह, लोपामुद्रा, भुवनेश्वर कुमार, रामबाबू कुमार, जितेंद्र झा, ए के मनीष, गोविंद गोपाल सहित विद्यालय के तमाम छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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