नीतीश कुमार की सरकार ने पहले घर घर शराब पहुंचाने और पूरे बिहार को शराबी बनाने का काम किया और बाद में शराबबंदी कानून लगाकर अपना तथा अपने अफसरों का राजस्व बढ़ाने का काम किया:- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। बेगूसराय के प्रवेश द्वार सिमरिया से ही कार्यकर्ताओं का हुजूम सम्राट चौधरी के साथ चलता रहा। सम्राट चौधरी जब जीरोमाइल पहुंचे वहां उन्होंने दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात रास्ते में कार्यकर्ताओं से मिलते हुए वह बेगूसराय के टाउन हॉल पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं को संबोधित किया गया।
कार्यक्रम के मध्य अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने खुले मंच से कहा कि आज बिहार की जनता बिहार में योगी जैसे मुख्यमंत्री की मांग कर रही है और इसके लिए बिहार की जनता ने ही सम्राट चौधरी को नामित किया है। गिरिराज सिंह के इस संबोधन पर कार्यकर्ताओं ने खूब तालियां बजाई और गिरिराज सिंह के बयान का समर्थन किया। वहीं गिरिराज सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन जनता ने उन्हें वर्ष 2012 से भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कबूल कर लिया था और आज नरेंद्र मोदी अपने विकास कार्यों की बदौलत जनता के दिलों में रहते हैं। और बिहार में भी वही छवि सम्राट चौधरी में देखी जा रही है। जिन्होंने जातिगत भावना को कभी महत्ता नहीं दी।
वही सम्राट चौधरी ने अपने संबोधन के दौरान कहा की यदि भाजपा की सरकार बिहार में आती है तो बिहार में कभी दंगे नहीं होंगे और लोग भेदभाव मिटाकर रहेंगे। भले ही वर्तमान सरकार के द्वारा तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही हो लेकिन जनता सब समझती है और आने वाले दिनों में जनता वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी। सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को जब जब प्रधानमंत्री बनने के कीटाणु ने अपना शिकार बनाया है तब तक उन्हें मुंह की खानी पड़ी है और एक बार फिर वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं । आने वाले चुनाव में जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
वहीं शराबबंदी कानून को आड़े हाथों लेते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा भी शराबबंदी कानून का समर्थन करती है लेकिन बिहार में जिस तरह की शराब बंदी है वह कतई कबूल नहीं की जा सकती। आज शराबबंदी की आड़ में जदयू अपना प्राइवेट राजस्व बढ़ा रही हैं क्योंकि अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जिस वक्त सर्वप्रथम नीतीश कुमार की सरकार बनी थी उस वक्त पूरे बिहार में शराब की दुकानों की संख्या 900 थी । लेकिन 2015 आते-आते यह 12 हजार के करीब पहुंच गई।
नीतीश कुमार की सरकार ने पहले घर घर शराब पहुंचाने और पूरे बिहार को शराबी बनाने का काम किया और बाद में शराबबंदी कानून लगाकर अपना तथा अपने अफसरों का राजस्व बढ़ाने का काम किया। जनता सब कुछ समझ रही है और आने वाले दिनों में इसका जवाब दिया जाएगा। नैतिकता के तौर पर देखा जाए तो यदि बिहार में एक बोतल शराब मिलती है तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।
बेगूसराय संबाददाता सुमित कुमार बबलु की रिपोर्ट