“ज्ञान रूपी धन ही जन्म-जन्मांतर तक जाएगा साथ”: ब्रह्माकुमारी कंचन दीदी ने श्रद्धालुओं को दिया ज्ञान का अमृत

DNB Bharat Desk
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वीरपुर राजेन्द्र विवाह भवन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बेगूसराय के द्वारा आयोजित पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शनिवार को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ी।इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी कंचन दीदी ने कहा कि पुरुषार्थी का पुरुषार्थ कभी व्यर्थ नहीं जाता है।पुरुषार्थ करते-करते अगर कोई देह त्याग भी कर देता है तो वह अगले जन्म में भी अच्छा करेगा।

"ज्ञान रूपी धन ही जन्म-जन्मांतर तक जाएगा साथ": ब्रह्माकुमारी कंचन दीदी ने श्रद्धालुओं को दिया ज्ञान का अमृत 2पुरुषार्थी जब पुरुषार्थ करते हैं तो अशक्ति व संगदोष परेशानी में डालती है तो ऐसे लोगों से किनारा अवश्य करें।हम सब रचना है और रचयिता भगवान होते हैं।उन्होंने कहा कि ज्ञान रूपी धन अविनाशी है,यह जन्म जन्मांतर आपका साथ जाएगा।इसलिए तो भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कह रहे थे कि युद्ध करते-करते अगर प्राण की आहुति हुई तो चिंता मत करो स्वर्ग ही जाना है।अगर तुम जीत गए तो इस पृथ्वी लोक पर स्वराज्य भोगोगे।जो भगवान की सेवा तन-मन से करेगा तो वह सतयुग में अवश्य निरोगी होगा।देवी-देवताओं की दुनिया में चलना है तो सर्वप्रथम देवत्य इच्छा जाहिर कीजिए।आगे उन्होंने कहा कि भगवान ने कहा था कि आने वाले समय मे तीन तरह के विनाश होंगे।

"ज्ञान रूपी धन ही जन्म-जन्मांतर तक जाएगा साथ": ब्रह्माकुमारी कंचन दीदी ने श्रद्धालुओं को दिया ज्ञान का अमृत 3जिसमें से पहली प्राकृतिक आपदा,दूसरी विश्व की महाशक्तियां,एक दूसरे से टकराएंगे तो तीसरा जाति,धर्म मजहब व सम्प्रदाय के नाम पर लड़कर अपना सर्वनाश करेगा।कंचन दीदी ने कहा कि आज व्यक्ति संबधों की मर्यादाएं एकदम से भूल गया है,यह घोर कलयुग चल रहा है।जिसपर प्रभु की कृपा बरसती है,वही इस जहर को छोड़कर अमृत के तरफ जाएगा।कथा के दौरान ही उन्होंने भजन में चरणों में जगह मांगी तो हमें दिल में बसा लिया,प्रभु प्रेम की नैया में सवार,मुझको जाना है भवसागर से पार व बाबा तो बस मेरा है की प्रस्तुति की तो उपस्थित श्रद्धालु लोट-पोट हो गए। मौके पर हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।

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