डीएनबी भारत डेस्क
कुपोषण के खिलाफ जंग में सामुदायिक भागीदारी को हथियार बनाते हुए, भगवानपुर प्रखंड की लखनपुर पंचायत ने एक अभिनव पहल की है। सोमवार को आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा एक सामान्य सरकारी कार्यक्रम ‘अन्नप्राशन दिवस’ को भव्य ‘अन्नप्राशन उत्सव’ का रूप दिया गया, जिसने पुरुषों समेत पूरे समुदाय को पोषण के इस महत्वपूर्ण पड़ाव से जोड़ा।

आईसीडीएस पिरामल फाउंडेशन के सहयोग और पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से आयोजित यह उत्सव कुपोषण मुक्त समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
ऊपरी आहार की शुरुआत, उत्सव का माहौल
इस मौके पर, छह माह पूर्ण कर चुके बच्चों को खीर और दलिया जैसे पौष्टिक ‘ऊपरी आहार’ (पूरक पोषाहार) खिलाकर अन्नप्राशन की रस्म पूरी की गई। रंगोली से सजे आंगनबाड़ी केंद्रों पर दाल, चावल, हरी सब्जियां, फल और अंडे की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने पूरक आहार की संपूर्ण थाली का महत्व समझाया।
डीपीओ आईसीडीएस, रश्मि कुमारी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य स्पष्ट है: छह माह तक केवल स्तनपान के बाद, बच्चों को अगले डेढ़ साल तक माँ के दूध के साथ संतुलित ऊपरी आहार देना।
अक्सर परिवार इसमें देरी करते हैं। उत्सव के रूप में यह आयोजन पुरुषों को भी जागरूक करेगा और जब पूरा समाज भागीदार बनेगा, तभी हम कुपोषण मुक्त समाज का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।”
पोषण सिर्फ महिला नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी कार्यक्रम को सफल बनाने में पंचायत प्रतिनिधियों ने अग्रणी भूमिका निभाई। मुखिया सुरेन्द्र कुमार ने जोर देकर कहा, “हमारी पंचायत में अन्नप्राशन को उत्सव के रूप में मनाना जागरूकता फैलाने का सबसे सशक्त माध्यम है।
पोषण का विषय सिर्फ महिलाओं का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की जिम्मेदारी है। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी पंचायत का कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे।” पिरामल फाउंडेशन प्रतिनिधि दीपक मिश्रा ने बताया कि उत्सव का मुख्य विचार था कि ऊपरी आहार के महत्व को सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्र तक सीमित न रखा जाए, बल्कि यह पूरे पंचायत का सामूहिक प्रयास बन जाए।
उन्होंने माता-पिता से सिर्फ दाल का पानी नहीं, बल्कि प्रोटीन, विटामिन और ऊर्जा से भरपूर संतुलित आहार बच्चों को देने का आग्रह किया, ताकि कुपोषण के चक्र को तोड़ा जा सके। नवजात सुरक्षा की शपथ पिरामल की गांधी फेलो आरती शर्मा द्वारा उपस्थित लोगों को राष्ट्रीय नवजात सप्ताह (15 से 19 नवंबर) के महत्व के बारे में जागरूक किया गया और नवजात शिशु की स्वच्छता, गर्माहट, समय पर स्तनपान, सुरक्षित नींद और नियमित स्वास्थ्य जाँच की सामूहिक शपथ दिलवाई गई।
महिला पर्यवेक्षिकाओं (रूबी कुमारी) और सेविकाओं (गुड़िया कुमारी, ग़मगम कुमारी, काजल राय, जयंती देवी, रेखा कुमारी) ने माताओं को पूरक आहार की सही विधि और मात्रा के साथ-साथ साफ-सफाई और हाथ धोने के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लाभार्थी माताएं, पुरुष अभिभावक और ग्रामीण मौजूद रहे, जिन्होंने इस उत्सवपूर्ण माहौल की सराहना की और अपने बच्चों के बेहतर पोषण के लिए दृढ़ संकल्प लिया।
बेगूसराय भगवानपुर गणेश प्रसाद की रिपोर्ट