महर्षि सिद्धार्थ मंद वेद विज्ञान अनुसंधान न्यास के तत्वाधान में महाकवि कालिदास जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया
डीएनबी भारत डेस्क
कार्तिक कल्पवास महोत्सव के अवसर पर सर्वमंगला आध्यात्मिक विद्यापीठ के ज्ञान मंच पर महर्षि सिद्धार्थ मंद वेद विज्ञान अनुसंधान न्यास के तत्वाधान में महाकवि कालिदास जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया । इस जयंती समारोह में मुख्य अतिथि चेन्नई से पधारे हुए डॉ करुण ने कहा की महाकवि कालिदास के साहित्य में वैज्ञानिकता का परी दर्शन होता है। महाकवि कालिदास की विद्वत्ता ऐसी है कि उनके साहित्य पर बिहार ही नहीं मध्य प्रदेश वाले भी उन्हें अपना मानते हैं । परंतु अभी वैज्ञानिक कालिदास पर और खोज कर ही रहे हैं ।

वहीं समारोह का उद्घाटन करते हुए चेतना समिति पटना के अध्यक्ष पंडित विवेकानंद ने कहा कि कालिदास जैसे मिथिला में अद्भुतविद्वान हुए यह परम सौभाग्य है। यहां मिथिला का एक मूर्ख भी विश्व का महाकवि कहलाता है । चेतना समिति कालिदास महोत्सव व्यापक पैमाने पर मनाने की तैयारी कर रहा है। समारोह के विशिष्ट अतिथि चेतना समिति के उपाध्यक्ष डॉ उमेश मिश्रा ने कहा कि महाकवि कालिदास संस्कृत साहित्य के अद्वितीय कवि नाटककार और संस्कृत साहित्य के प्रकांड विद्वान थे । आज आवश्यकता है कालिदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए।
समारोह के विशिष्ट अतिथि चेतना समिति पूर्व सचिव विवेकानंद ठाकुर ने कहा कि महाकवि कालिदास संस्कृत के महानतम कवि और नाटककार थे मिथिला वासियों को इन पर गर्व है। चेतना समिति के संगठन सचिव सुश्री प्रियंका मिश्रा ने कहा कि महाकवि कालिदास से हमें सीख लेने की आवश्यकता है जब हम कुछ नहीं जानते हैं तब हम सब कुछ जानते हैं, ऐसे थे महाकवि कालिदास । समारोह के विशेष अतिथि चेतना समिति के कोषाध्यक्ष जयदेव मिश्र ने कहा कि महाकवि कालिदास विपन्नता में संपन्नता एवं मूर्खता में विद्वता के साक्षात मूर्ति हैं ।
समारोह में विषय प्रवेश करते हुए न्यास के सह निदेशक प्रोफेसर अवधेश कुमार झा ने कहा कि महाकवि कालिदास अपनी महान कृतियां में भारत की महानता को प्रस्तुत कर भारत के प्रथम राष्ट्रकवि साबित हुए हैं। अपनी तपस्या के बल पर महान विद्वान बनकर राजा विक्रमादित्य के दरबार में नवरत्न बनकर अपनी प्रतिभा को स्थापित किया। सभा में जमशेदपुर से पधारी हुई कवियत्री नूतन झा ने द्वादश कुंभ पर अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं सभा में सर्वप्रथम आचार्य नारायण झा के स्वस्तिवाचन के बीच सम्मानित अतिथियों के द्वारा समारोह का उद्घाटन विधिवत दीप प्रज्वलित करके किया गया उसके पश्चात समारोह के सभी सम्मानित अतिथियों को रविंद्र ब्रह्मचारी व डॉ विजय कुमार झा के द्वारा मिथिला परंपरा के अनुसार पाग अंग वस्त्र और मोमेंटो से स्वागत और सम्मानित किया गया।
वहीं संचालन न्यास के सचिव सुधीर चौधरी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज का सानिध्य प्राप्त रहा। इस अवसर पर प्रो पी के प्रेम, मीडिया प्रभारी नीलमणि, धनंजय श्रोतिय, श्याम झा ,राम झा ,लक्ष्मण झा ,सदानंद झा ,दिनेश झा, राजेश झा ,रमेश झा ,रंजना देवी ,बच्ची देवी, अरुणा देवी एवं जगतपुरनी देवी सहित सभी श्रद्धालु उपस्थित थे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट