डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय में दुर्गा पूजा को लेकर एक तरफ जहां श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ दुर्गा पूजा को लेकर माता दुर्गा के मंदिरों पंडाल भव्य सजावट के साथ आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

खास करके आपको बताते चले कि बेगूसराय के बखरी मे तिरुपति बालाजी के मन्दिर के तर्ज पर बना भब्य पंडाल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसे मुस्लिम समुदाय के पंडाल निर्माता ने बनाया है l इसे बनाने मे 20 से 22 लाख तक कि लागत आयी है। इस पंडाल निर्माण मे मजदूर डेढ़ महीने से लगे हुए है जहां 1 लाख से अधिक बांस बल्लों कि सहायता से बनाया गया है। इसे देखने राज्यभर के लोग आ रहे है।
बताते चले कि बखरी कि सिद्ध शक्ति पीठ बड़ी दुर्गा मन्दिर बखरी कि महारानी मन्दिर परिसर मे बनारस के गंगा आरती के तर्ज पर पुरोहितों द्वारा नौ दिन तक महाआरती कि जा रही है साथ ही हऱ साल बखरी मे बड़े बड़े मंदिरो के तर्ज पर पंडालो का निर्माण कराया जाता है। इस बार तमिलनाडु के तिरुपति बालाजी के भब्य मन्दिर के स्वरुप अनुसार भब्य पंडाल का निर्माण कराया गया है। जो आकर्षण का मुख्य केंद्र है।जिसे देखने दूर दराज के लोगो का जमावड़ा देर रात तक लगा रहता है। वही सोशल मिडिया इंफुलेन्सर भक्तिमय गीतों पर अभिनय कर लोगो के बिच छाने मे लगे हुए है।
महाआरती के दौरान हजारों कि संख्या मे महिलाये व अन्य श्रद्धांलुओं कि भीड़ हऱ दिन बढ़ता ही जा रहा है। बताते चले उक्त मन्दिर का इतिहास मुग़लकाल से भी पहले का है। करीब 700 साल से यहाँ माता कि पूजा अर्चना कि जाती है। कलशस्थापना से लेकर दशमी तक विशेष पूजा नित्यादिन चलती रहती है।ख़ासकर दुर्गा अष्टमी से दशमी तक का पूजा पुराने काल मे जाने का अनुभव करता है यहाँ बिहार भारत के अन्य राज्य समेत परोस के कई देशो के तांत्रिक अष्टमी कि रात माँ कालरात्री कि विशेष तांत्रिक पूजा के माध्यम से सिद्धि प्राप्त करने आते है इसके लिए यहाँ के माता को सिद्धपीठ शक्ति भी कहा जाता है।
नवमी पूजा के दिन को यहाँ निशा बली, क्षगर बाली,कुशमंड बली,महिक बली कि प्रथा चली आरही है। ख़ासकर हजारों क्षागर बली से यहाँ कि मिट्टी लाल हो जाती है वही दशमी को नीलकंठ को उड़ा शुभ यात्रा निकाल रात्री मे सहनायी व महिलाओ के क्रांदन गीत के साथ माता कि विदायी कि जाती है। लोगो का मानना है। यहाँ सच्चे मन से पूजा अर्चना का मन्नते मांगने पर पूरी होती है।
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