संत रविन्द्र कृति महाराज ने फहराया धर्म ध्वज।
डीएनबी भारत डेस्क

महावीर स्वामी की जन्मभूमि कुंडलपुर में महावीर जयंती का पर्व पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। गुरुवार की सुबह पवित्र वातावरण में जैसे ही घड़ी ने सात बजाए, संत रविन्द्र कृति जी महाराज ने विधिवत रूप से धर्म ध्वजा फहराकर पर्व का शुभारंभ किया। इसके साथ ही कुंडलपुर की गलियों में भव्य रथ यात्रा की शुरुआत हुई।
सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने श्वेत वस्त्र धारण कर हाथों में जयकारों की तख्तियाँ और ध्वज लिए हुए रथ यात्रा में भाग लिया। रथ यात्रा कुंडलपुर के ऐतिहासिक महावीर मंदिर से प्रारंभ होकर प्राचीन नालंदा खंडहर तक गई। पूरे मार्ग में ‘वीर वंदना’ के भजन गूंजते रहे और श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर भगवान महावीर के रथ का स्वागत किया।
इस अवसर पर रविन्द्र कृति जी महाराज ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि आज से 2624 वर्ष पूर्व, त्रिकालदर्शी तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म इसी पावन भूमि कुंडलपुर में हुआ था। उन्होंने सत्य, अहिंसा और तपस्या के मार्ग पर चलकर संपूर्ण मानवता को मोक्ष का संदेश दिया।
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