दुर्गा पूजा के अवसर पर काशी से आए पंडितों के द्वारा संध्या में भव्य महाआरती और श्रीमद् भागवत कथा भी की जा रही है
डीएनबी भारत डेस्क
नवरात्र के पांचवें दिन शुक्रवार को क्षेत्र के सभी नौ दुर्गा मंदिरों में माता कुशमाण्डे की पूजा अर्चना श्रद्धा के साथ की गई । चारों ओर जय मां दुर्गे की जयघोष से वातावरण धार्मिक बना हुआ है। दुर्गा मंदिर भवानंदपुर, बरैपुरा स्थित काली मंदिर, मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर वीरपुर, मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर जगदर, पर्रा, मैदाबभनगामा, सहुरी, बभनगामा व सरौंजा गांव के दुर्गा मंदिरों में संध्या आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है।

खासकर मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर वीरपुर बाजार में आयोजित दुर्गा पूजा के अवसर पर काशी से आए पंडितों के द्वारा संध्या में भव्य महाआरती , और श्रीमद् भागवत कथा भी कि जा रही है ।इस अवसर पर भगवान शंकर के तांडव और मां काली के क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शंकर के द्वारा किए गए कार्यों से संबंधित झांकी तुलसी पासवान के द्वारा प्रस्तुत किया गया जो क्षेत्र में आक्रशन का केंद्र बना हुआ है।
पंडितों ने बताया कि इस बार मा दुर्गा की विशेष पुजा 11 दिन के रहने तथा चौठ दो दिन रहने से शुक्रवार को भी मां के चौथे रुप कुष्मांडे की पुजा अर्चना धुम धाम से किया गया। पुरानों में वर्णन है कि जब अशुर और दानवों के द्वारा संत, महात्मा, समेत देवताओं पर अत्याचार करने लगा तो, देवी शक्ति उत्पन्न हुई। और दानवों का संघार करने प्रचंड विक्राल काली के रुप में अवतरित हुए। और दानवों का संघार करने लगी।
जब दानवों का संघार कर चुकी तो उन्हें शांत करने के लिए भगवान शंकर स्वयं मां के आगे रास्ते में लेट गये, तब मां काली की नजर बाबा भोलेनाथ पर परी तो आश्चर्य चकित हो गई। पंडितों ने बताया कि मनुष्य जन्म दुर्लभ है।जो लोग मनुष्य योनि में जन्म लेकर दानवों जैसा व्यवहार समाज में करते हैं। उन्हें मां आज भी किसी ना किसी रूप में कठोर दण्ड देती हैं। लोगों को चाहिए कि प्राणियों में सद्भावना बनाकर रखें।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट